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मंदिर के अंदर इन भगवानों के होंगे दर्शन /14 Feb 2024 12:12 PM/    50 views

राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों का भी रहा योगदान

सोनिया शर्मा
 अबूधाबी। अबूधाबी का पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार है। भारत से तकरीबन 2,475 किलोमीटर दूर अबूधाबी में बने इस मंदिर की भव्यता देखकर यूएई में रहने वाले भारतीय मूल के लोग मंत्रमुग्ध हैं। मंदिर में गंगा और यमुना का पवित्र जल हो या फिर देवी देवताओं की मूर्ति सभी भारत और भारत के लोगों की आस्था के मद्देनजर रखा गया है। यह मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी आज इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे।
इस मंदिर में भारत के विभिन्न हिस्सों के योगदान से बना वास्तुकला लोगों को आकर्षित करती है। भारत से मंदिर के लिए गंगा-यमुना का पवित्र जल और राजस्थान से गुलाबी बलुआ पत्थर ले जाए गए। भारत से पत्थरों को लाने में इस्तेमाल किए लकड़ी के बक्सों से मंदिर का फर्नीचर बनाया गया है। मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनरों में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है।
वहीं इस मंदिर में भगवान की मूर्तियों की बात करें तो मूर्तियों की स्थापना में उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत की आस्था का नजारा देखने को मिलता है। इस मंदिर में विभिन्न देवताओं के मंदिर हैं जिनमें कुल सात मंदिर बने हुए हैं, जिनमें से प्रत्येक भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण भागों के विभिन्न देवताओं को समर्पित हैं। इनमें भगवान राम और सीता, भगवान हनुमान, भगवान शिव-पार्वती और गणेश-कार्तिक; भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण और राधा, श्री अक्षर पुरुषोत्तम महाराज; भगवान तिरुपति बालाजी और भगवान अयप्पा शामिल हैं। मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है। मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से अच्छी-खासी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर अबू धाबी लाया गया है। मंदिर स्थल पर खरीद और सामान की देखरेख करने वाले विशाल ब्रह्मभट्ट ने को बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए 700 से अधिक कंटेनरों में दो लाख घन फुट से अधिक पवित्र पत्थर लाए गए हैं।

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