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अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में छंटनी के कारण /09 Feb 2023 11:54 AM/    184 views

बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर बेरोजगार हुए

वाशिंगटन। अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी के कारण बड़ी संख्या में भारतीय पेशेवर बेरोजगार हो गए हैं, दो भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने एक ऑनलाइन याचिका शुरू की है जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडेन से एच- की अनुग्रह अवधि बढ़ाने का आग्रह किया गया है। 1बी वीजा को दो महीने से अब एक साल तक बढ़ाने का आग्रह किया गया है।
इसका मतलब यह है कि एक बार नौकरी से निकाल दिए जाने के बाद, एच-1बी वीजा पर एक विदेशी तकनीकी कर्मचारी के पास 60 दिनों की मौजूदा अवधि के बजाय नई नौकरी खोजने के लिए एक साल का समय होगा, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ना होगा।
 
क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशेष व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है, जिन्हें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। तकनीकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं।
 
विदेशी कुशल श्रमिकों की कमी
अनुसंधान संगठन नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (एनएफएपी) की ’एच-1बी आवेदन और वित्त वर्ष 2022 में अस्वीकार दर’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि एच-1बी आवेदनों के लिए कम वार्षिक सीमा के परिणामस्वरूप एच-1बी पंजीकरण ज्यादा नहीं हो सके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अस्वीकार दर के चलते अमेरिका को विदेशी कुशल श्रमिकों की कमी से जूझना पड़ रहा है।
 
हर साल 85 हजार वीजा जारी करने की सीमा
वर्तमान प्रावधान के अनुसार, 85 हजार सालाना एच-1बी वीजा जारी करने की सीमा है। इसमें 20 हजार अमेरिकी संस्थानों से डिग्रीधारी होने जरूरी हैं, बाकी 65 हजार लॉटरी सिस्टम से आवंटित किए जाते हैं। अप्रैल 2022 में यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने बताया कि नियोक्ताओं ने चार लाख 83 हजार से अधिक एच-1बी पंजीकरण जमा किए, जो एच-1बी आवेदनों के लिए 85 हजार वार्षिक सीमा से लगभग चार लाख अधिक है।

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