सुनील शर्मा
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती भीड़ और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों को मेट्रो जैसा बनाने का फैसला किया है। इस बदलाव के बाद, ट्रेन स्टेशन पहुंचने पर सवारियां उतरेंगी और तुरंत वापस चली जाएंगी। रेलवे ने इंटरसिटी जैसी चलने वाली ट्रेनों के लिए यह बदलाव लागू किया है। इनमें शामिल होंगी वो ट्रेनें जो सुबह चलकर दोपहर में प्रयागराज पहुंचेगी और तुरंत वापस होकर रात तक उसी स्टेशन में पहुंच जाएगी।
रेलवे ने इंटरसिटी जैसी चलने वाली ट्रेनों के लिए यह बदलाव लागू किया है, इनमें वो ट्रेनें शामिल होंगी, जो सुबह चलकर दोपहर में प्रयागराज पहुंचेगी और तुरंत वापस होकर रात तक उसी स्टेशन में पहुंच जाएगी। इसके लिए दोनों ओर ट्रेन में इंजन लगाकर चलाया जाएगा, जिससे ट्रेनों में शंटिंग और इंजन बदलने में समय की बचत होगी। औसतन इनमें 30 मिनट का समय लग जाता है। इस तरीके से ट्रेन मेट्रो की तरह चलेगी। स्टेशन पहुंचने पर सवारी उतरीं और चढ़ीं। इसके बाद ट्रेन चल देगी। भारतीय रेलवे शुरू में कुछ ट्रेनों में यह दो इंजन लगाने की शुरुआत कर रहा है। जरूरत के अनुसार आगे यह व्यवस्था लागू की जाएगी। जिन ट्रेनों में यह व्यवस्था की जा रही है, उनमें 11107 ग्वालियर-बनारस एक्सप्रेस, 15075 शक्तिनगर-टनकपुर एक्सप्रेस, 15073 सिगरौली-टनकपुर एक्सप्रेस तथा 11108 बनारस-ग्वालियर एक्सप्रेस, 15076 टनकपुर-शक्तिनगर एक्सप्रेस, 15074 टनकपुर-सिगरौली एक्सप्रेस शामिल हैं, जिससे गाड़ियों के संचालन समय में बचत के साथ यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा होगी। अभी चलने वाली इंटरसिटी श्रेणी की ट्रेनों में दोनों ओर इंजन होता है।
इसमें वंदेभारत, ईएमयू और डेमू ट्रेनें शामिल हैं। प्रयागराज जाने वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी अब इसी तरह चलाया जाएगा क्योंकि इन ट्रेनों में अभी तक एक ही ओर इंजन लगता है। वापसी में शंटिंग करके इंजन बदला जाता है और ट्रेन उसी प्लेटफार्म से वापस हो जाती है।