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भारत ने निर्यात पर लगाई रोक /07 Aug 2023 12:05 PM/    111 views

12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा चावल का भाव

नई दिल्ली । दुनियाभर में चावल की कीमतों में रिकार्ड स्तर की बढ़ोतरी देखने को घ्मिल रही है, इसकी वजह भारत द्वारा हाल ही में गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि देश में चावल की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था लेकिन इससे दुनियाभर में चावल की कीमत में भारी तेजी आई है। यूएन की फूड एजेंसी एफएओ (एफएओ) के मुताबिक जुलाई में राइस प्राइस इंडेक्स 2.8 फीसदी की तेजी के साथ करीब 12 साल के हाई पर पहुंच गया है। इसमें पिछले साल जुलाई के मुकाबले 20 फीसदी तेजी आई है और यह सितंबर 2011 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मजबूत मांग और भारत के बैन से चावल की कीमत बढ़ी है। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत ने पिछले महीने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश से एक्सपोर्ट होने वाले कुल चावल में गैर बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है। भारत के अलावा थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान चावल के प्रमुख एक्सपोर्टर हैं। 
बता दें कि चावल आयात करने वाले देशों में चीन, फिलीपींस, बेनिन, सेनेगल, नाइजीरिया और मलेशिया प्रमुख हैं। भारत के चावल पर बैन लगाने से अमेरिका में भी हड़कंप मच गया था। वहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं और बैन की खबर सुनते ही वे स्टॉक जमा करने के लिए दुकानों पर टूट पड़े। इधर भारत ने चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया तो उधर रूस ने यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज ले जाने वाले जहाजों को सुरक्षित रास्ता देने वाले डील से किनारा कर लिया। इससे जुलाई में खाने पीने की चीजों की कीमत में बढ़ोतरी हुई। एफएओ के मुताबिक जून की तुलना में जुलाई में फूड प्राइस इंडेक्स में 1.3 फीसदी की तेजी आई। हालांकि यह पिछले साल जुलाई की तुलना में 12 फीसदी कम है लेकिन रूस के फैसले ने अनाज और सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में उछाल ला दी है। 
इस समय वेजिटेबल ऑयल की कीमत में 12 फीसदी तेजी आई है। बता दें कि दुनिया में सनफ्लावर ऑयल के एक्सपोर्ट में यूक्रेन की 46 फीसदी हिस्सेदारी है। पाम और सोयाबीन ऑयल के उत्पादन में कमी की आशंका से भी कीमतें बढ़ी हैं। एफएओ के व्हीट प्राइस इंडेक्स में भी जुलाई में 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। नौ महीनों में पहली बार इसमें तेजी आई है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन के बंदरगाहों पर रूसी हमले के कारण गेहूं की कीमत बढ़ी है। भारत में भी सरकार गेहूं की कीमत पर अंकुश लगाने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती पर विचार कर रही है। 

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