मुम्बई । केन्द्र सरकार अगर अगले साल होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के लिए आईसीसी के प्रसारण राजस्व पर 21.84 फीसदी का अधिभार लगाने के अपने फैसले पर कायम रहती है तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है। केन्द्र के अधिभार लगाने से बीसीसीआई को तकरीन 955 करोड़ रूपए का नुकसान हो सकता है। भारत में अगले साल अक्टूबर-नवंबर में एकदिवसीय विश्व कप खेल जाएगा। इसमें अगर केन्द्र सरकार अधिभार लगाती है तो यह राशि मौजूदा कर में जोड़ी जाएगी। आईसीसी के अनुसार मेजबान देश को सरकार से अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के आयोजन के लिए कर में राहत लेनी होती है। वहीं भारत के कर नियमों में इस तरह की राहत का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। गौतलब है कि साल 2016 में टी20 विश्व कप की मेजबानी के समय भी बीसीसीआई को ऐसी राहत नहीं मिली थी और तब उसे 193 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ था। यह मामला अभी आईसीसी ट्रिब्यूनल में लंबित है। बोर्ड की 18 अक्टूबर को होने वाली आम बैठक से पहले प्रदेश ईकाइयों को भेजी गई इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘आईसीसी का अगला बड़ा टूर्नामेंट आईसीसी विश्व कप 2023 में अक्टूबर नवंबर में भारत में होना है। बीसीसीआई को अप्रैल 2022 तक आईसीसी को कर राहत के बारे में बताना था। इसमें कहा गया, ‘आईसीसी ने समय सीमा बढाकर 31 मई कर दी थी। बीसीसीआई ने इस वित्तीय वर्ष की शुरूआत में आईसीसी को बताया था कि 10 फीसदी कर (अधिभार के अलावा) देना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर 21.84 फीसदी कर देना पड़ा तो बीसीसीआई बोर्ड के राजस्व पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। ऐसे में बीसीसीआई कर अधिभार मौजूदा 21.84 फीसदी से घटाकर 10.92 फीसदी लाने के लिए बातचीत कर रहा है। अगर ऐसा हो पाता है तो उसे राजस्व में 430 करोड़ रूपए नुकसान होगा।