पवन शर्मा
नई दिल्ली । एंड्रॉयड बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के आरोपों से जूझ रही गूगल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) पर यूरोपीय आयोग के फैसले की नकल करने का आरोप लगाकर विवाद को अब नया रंग दे दिया है। कंपनी ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी ताजा अपील याचिका में कहा कि सीसीआई एमेजॉन के हितों का बचाव कर रहा है। गूगल ने एनसीएलएटी के 29 मार्च के आदेश के खिलाफ 26 जून को सर्वाेच्च न्यायालय में अपील दायर की। इसके साथ ही उसने सीसीआई के साथ अपने गतिरोध को एक नया मोड़ दिया है। प्रौद्योगिकी कंपनी का कहना है कि एनसीएलएटी ने सीसीआई के आदेश के प्रभाव विश्लेषण पर उचित तरीके से गौर नहीं किया। गूगल ने अपनी अपील याचिका में कहा है कि ट्रिब्यूनल ने बिल्कुल सही कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून की धारा 4 (वर्चस्व का दुरुपयोग) का उल्लंघन साबित करने के लिए प्रभाव विश्लेषण की आवश्यकता होती है। मगर उसने आयोग के आदेश पर उसे उचित तरीके से लागू नहीं किया। यदि ट्रिब्यूनल ने प्रभाव परीक्षण को लागू किया होता तो उसे पता चलता कि गूगल के समझौते से कोई प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रभाव पैदा नहीं हुआ। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने 20 अक्टूबर, 2022 को पाया था कि गूगल ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग किया है।