सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने 10 दिन में चंद्रमा की सतह पर अपना पहला टास्क पूरा कर लिया है और अब यह स्लीप मोड अवस्था में चला गया है। दरअसल, चांद पर अब रात हो गई है और ऐसे में रोवर प्रज्ञान का काम करना नामुमकिन है, क्योंकि वहां का तापमान लगभग माइनस 200 डिग्री के नीचे जा चुका है। दरअसल, प्रज्ञान रोवर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा गया है ऐसे में जब सूरज दोबारा इस हिस्से पर उगेगा, तो शायक रोवर प्रज्ञान अपनी नींद से जाग जाए और अपना काम एक बार फिर शुरू कर दे। हालांकि, स्लिप मोड में जाने से पहले प्रज्ञान ने इसरो को कई बड़ी जानकारियां दी हैं। लगातार मिल रहे अपडेट से इसरो के वैज्ञानिकों को काफी चीजों का पता चला है, जो उनके अध्ययन का एक हिस्सा है। इसरो ने लगातार सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर चंद्रयान-3 मिशन का अपडेट शेयर की है। इसी कड़ी में शनिवार रात भी इसरो ने बताया कि प्रज्ञान को स्लिप मोड में डाला गया है। गौरतलब हो कि चांद पर एक रात पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है, ऐसे में कहा जा सकता है कि अब प्रज्ञान 14 दिन बाद उठेगा और अपने आगे के टास्क को पूरा करेगा। फिलहाल, इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर इन 10 दिनों में चंद्रयान-3 को लेकर क्या-क्या अपडेट आए हैं और प्रज्ञान ने अब तक कितनी जानकारियां दी हैं। चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। इसके बाद से लगातार इसरो ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए सभी को इसके अपडेट दिए हैं।
चांद पर यान की सफल लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से बाहर निकलते हुए रोवर श्प्रज्ञानश् का एक वीडियो सामने आया था, जो विक्रम लैंडर में लगे कैमरे से लिया गया था। इस वीडियो में प्रज्ञान को चांद की सतह पर उतरते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को इसरो ने 25 अगस्त को शेयर किया था।
इसके बाद से लगातार प्रज्ञान रोवर की मूवमेंट का वीडियो सामने आया है। गौरतलब हो कि 10 दिनों में रोवर प्रज्ञान ने कुल 100 मीटर की दूरी तय कर ली थी। जिस बिंदु पर विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की है, उस जगह को श्शिव शक्ति प्वॉइंटश् का नाम दिया गया है। रोवर प्रज्ञान की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रति सेकंड थी। 30 अगस्त को प्रज्ञान रोवर ने कुछ दूरी पर जाकर विक्रम लैंडर की तस्वीर ली थी। इसको लेकर इसरो ने बहुत ही शानदार पोस्ट शेयर किया था। सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए इसरो ने लिखा, ष्स्माइल प्लीज!, प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। इसके बाद 31 अगस्त को प्रज्ञान रोवर का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो अपने लिए एक सुरक्षित रूट की तलाश कर रहा है। यह वीडियो विक्रम लैंडर में लगे कैमरे ले ली गई थी। इस वीडियो को सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इसरो ने लिखा था, ष्ऐसा लग रहा है, मानो कोई बच्चा चंदामामा के आंगन में अठखेलियां कर रहा हो और मां स्नेहपूर्वक देख रही हो।ष् इसमें प्रज्ञान रोवर को बच्चा और विक्रम लैंडर को मां के तौर पर दिखाया गया था। 2 अगस्त को जब चांद पर रात हो गई, तो प्रज्ञान रोवर को स्लिप मोड में डाल दिया गया है। इसरो ने इसकी जानकारी साझा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ष्रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है।ष् दरअसल, प्रज्ञान को सोलर एनर्जी से चार्ज किया जाता था। इसलिए चांद पर अंधेरा होने के बाद इसे चार्ज कर के स्लिप मोड में डाल दिया गया है।
इसरो के मुताबिक, प्रज्ञान की अब तक की सबसे बड़ी खोज चांद पर पाई गई सल्फर की खोज है। दरअसल, चांद पर सिलिकॉन, कैल्शियम, एल्यूमीनियम और आयरन जैसे कई महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान हुई है। रोवर प्रज्ञान मे लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप उपकरण लगाया गया था, जिसने एक नहीं, बल्कि दो बार सल्फर की पुष्टि की है।चांद की सतह पर प्लाज्मा की भी खोज की गई है। इसमें चंद्रयान-3 (ब्ींदकतंलंद-3) लैंडर के ऊपरी डेक से जुड़े 1-मीटर बूम पर 5 सेमी धातु गोलाकार जांच लगाई गई थी, जिसके बाद प्लाज्मा की पुष्टि हुई है। हालांकि, इसका घनत्व काफी कम है।
इसके अलावा, चांद पर तापमान की जानकारी भी इकट्ठा की गई, जो कि अनुमान लगाए गए तापमान से काफी अलग है। दरअसल, चांद के अलग-अलग गहराई और गड्ढे के मुताबिक तापमान में बदलाव होते रहे हैं। इसके साथ ही, चांद की मिट्टी की जानकारी भी इकट्ठा की गई है।
गौरतलब है कि चांद पर एक रात पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है, तो अब चांद पर अगला सूर्याेदय 22 सितंबर 2023 को होगा। प्रज्ञान रोवर 14 दिन बाद स्लिप मोड से बाहर आएगा और अपने अगले टास्क की ओर बढ़ेगा। हालांकि, प्रज्ञान के अगले मिशन को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन प्रज्ञान का प्रमुख मिशन चांद पर हाइड्रोजन समेत अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की खोज करना है।