नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जूनियर डाक्टर्स नेटवर्क ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा 2024 में हुई कथित तौर पर गड़बड़ियों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी को लिखे पत्र में डाक्टरों ने सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुनः परीक्षा का भी अनुरोध किया। आईएमए जूनियर डाक्टर्स नेटवर्क ने कुछ छात्रों को सही अंक मिलने, घोषित अंकों में बेमेल और ओएमआर शीट की तुलना में ग्रेस मार्क्स की अवधारणा और पेपर लीक के मुद्दे पर चिता जताई है। डाक्टरों ने शिकायत की कि कुछ छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं। इन छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के लिए कोई परिभाषित तर्क नही है। छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के अनुसार कोई सूची साझा नही की गई है। वही, डाक्टरों ने शिकायत की कि कई स्थानों पर नीट 2024 पेपर लीक हो गई थी, लेकिन इस मामले पर कोई कार्रवाई नही की गई थी। वही, कई छात्रों को ओएमआर शीट की तुलना में उनके स्कोरकार्ड पर अलग-अलग अंक प्राप्त हुए। जूनियर डाक्टर्स नेटवर्क एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि नीट 2024 के नतीजे समय से पहले घोषित किए गए।
पत्र में उल्लेख किया गया कि परीक्षा का रिजल्ट उस दिन समय से पहले घोषित किए गए जब मीडिया आम चुनावों के परिणामों को प्रसारित करने में व्यस्त था। इस तात्कालिकता का कारण क्या है? कट-आफ में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पत्र में डाक्टरों ने कहा, “हम एनईईटी 2024 में उपरोक्त अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हम सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुनः परीक्षा का भी अनुरोध करते हैं।“ आईएमए जूनियर डाक्टर्स नेटवर्क के राष्ट्रीय संयोजक, डा. इंद्रनील देशमुख ने दावा किया कि नकारात्मक अंकन प्रणाली के अनुसार छात्रों के लिए 718-719 अंक प्राप्त करना असंभव है। उन्होंने आगे घोषणा की कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो आईएमए जूनियर डाक्टर्स नेटवर्क अखिल भारतीय हड़ताल करेगा।