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फिसली जुबान पर संबित ने माफी मांगी

प्रायख्चित के तौर पर 03 दिन का उपवास

21 May 2024 01:58 PM 83 views

फिसली जुबान पर संबित ने माफी मांगी

सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। भाजपा नेता संबित पात्रा इस समय काफी दुखी हैं और वे भगवान जगन्नाथ से बार बार माफी मांग रहे हैं। अपनी गलती के लिए तीन दिन उपवास करके प्रायश्चित करेंगे। पात्रा की गलती ये थी कि उन्होंने प्राचीन शहर के प्रतिष्ठित देवता, भगवान जगन्नाथ को पीएम मोदी का भक्त बताया। हालांकि संबित पात्रा ने मंगलवार को अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि ‘होश में इंसान कभी नही कह सकता कि इंसान का भक्त भगवान होता है।
विपक्ष द्वारा घेरने के तुरंत बाद, संबित पात्रा ने कहा कि ‘आज, मेरे द्वारा दिए गए एक बयान ने विवाद पैदा कर दिया है। पुरी में पीएम मोदी के रोड शो के बाद, मैंने कई मीडिया चैनलों को बाइट दी और हर जगह मैंने यही बात कही कि पीएम मोदी महाप्रभु जगन्नाथ के परम भक्त हैं। अंत में जब दूसरे चैनल ने मेरी बाइट ली तो बहुत गर्मी थी, भीड़ थी और शोर था, बाइट देते समय अनजाने में मैंने उल्टा बोल दिया कि महाप्रभु पीएम मोदी के भक्त हैं। बाद में दिन में, उन्होंने एक एक्स पोस्ट में स्पष्ट किया कि यह एक मीडिया चैनल साक्षात्कार के दौरान ‘जुबान फिसलने’ का मामला था। इंटरव्यू की क्लिप तब से वायरल हो गई है। उन्होंने अब तीन दिन का ‘पश्चातप’ या उपवास करके पश्चाताप करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ‘आज मैं महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के संबंध में की गई अपनी गलती से बहुत परेशान हूं। मैं महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के चरणों में प्रणाम करता हूं और क्षमा मांगता हूं। मैं अपनी गलती को सुधारने और पश्चाताप करने के लिए अगले तीन दिनों तक उपवास करूंगा।’
संबित पात्रा को इस चूक के कारण अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों, विशेषकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। बता दें कि वह पुरी लोकससभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार भी हैं। उनका बयान उस दिन आया जब देश में लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण चल रहा था और ओडिशा में विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण चल रहा था। इस मामले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संबित पात्रा की टिप्पणी की निदा की। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा ‘महाप्रभु (भगवान जगन्नाथ) को एक इंसान का भक्त कहना भगवान का अपमान है। इससे भावनाएं आहत हुई हैं और दुनिया भर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों और उड़िया लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। भगवान उड़िया अस्मिता (गौरव) का सबसे बड़ा प्रतीक हैं। महाप्रभु को दूसरे इंसान का भक्त कहना पूरी तरह से निदनीय है।