Sat, Apr 27, 2024
image
वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका पर अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की है /27 Feb 2024 01:30 PM/    44 views

एवियन इन्फ्लुएंजा जिसको वैज्ञानिक मान रहे हैं खतरनाक

ब्यूनस आयर्स। वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका पर अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस  की उपस्थिति की पुष्टि की है, और पारिस्थितिक आपदा की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि पहली बार अंटार्कटिका की मुख्य भूमि पर घातक प्रकार के बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जो दक्षिणी क्षेत्र की विशाल पेंगुइन कॉलोनियों के लिए संभावित खतरा है। अर्जेंटीना के हायर काउंसिल फॉर साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन (सीएसआईसी) ने रविवार को कहा, “यह खोज पहली बार दर्शाती है कि अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दूरी और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद अंटार्कटिका तक पहुंच गया है जो इसे अन्य महाद्वीपों से अलग करते हैं।“
सीएसआईसी ने कहा कि 24 फरवरी को मृत स्कुआ समुद्री पक्षियों के नमूनों में वायरस की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी, जो अर्जेंटीना के वैज्ञानिकों को अंटार्कटिक बेस प्रिमावेरा के पास पाए गए थे। जेंटू पेंगुइन सहित आसपास के द्वीपों पर मामलों के बाद अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर पुष्टि किए गए मामले ने क्षेत्र में भ्5छ1 एवियन फ्लू के खतरे को उजागर किया है, जिसने हाल के महीनों में दुनिया भर में पक्षियों की आबादी को नष्ट कर दिया है। सीएसआईसी ने एक बयान में कहा, “विश्लेषण से निर्णायक रूप से पता चला है कि पक्षी एवियन इन्फ्लूएंजा के एच5 उपप्रकार से संक्रमित थे और मृत पक्षियों में से कम से कम एक में अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस था।“
अंटार्कटिक महाद्वीप और आस-पास के द्वीपों पर सैकड़ों-हजारों पेंगुइन कसकर भरी कॉलोनियों में इकट्ठा होते हैं, जिससे घातक वायरस आसानी से फैल सकता है। अंटार्कटिक अनुसंधान पर वैज्ञानिक समिति के डेटा ने अनुसंधान आधार पर एक अब पुष्टि किए गए मामले को भी दिखाया। यूनिकोड यहां अंटार्कटिक क्षेत्र में एवियन इन्फ्लुएंजा मामलों की पुष्टि, जिसको वैज्ञानिक मान रहे हैं खतरनाक
अर्जेंटीना के हायर काउंसिल फॉर साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन (सीएसआईसी) ने रविवार को कहा यह खोज पहली बार दर्शाती है कि अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दूरी और प्राकृतिक बाधाओं के बावजूद अंटार्कटिका तक पहुंच गया है जो इसे अन्य महाद्वीपों से अलग करते हैं। सीएसआईसी ने कहा कि 24 फरवरी को मृत स्कुआ समुद्री पक्षियों के नमूनों में वायरस की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी

Leave a Comment