सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए इंडिया में फूट पड़ गई है। ममता बनर्जी की पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। सीएम ममता बनर्जी के फैसले पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने बड़ा दावा किया है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि अभी कुछ और दल भी साथ छोड़ेंगे। उन्होंने लिखा- अभी कुछ और दल भी छोड़ेंगे, दल-दल में फंसना कोई नहीं चाहता वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत है। अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने में असमर्थ वह सभी सीटों पर लड़ना चाहती है। इस उम्मीद में कि वह चुनाव के बाद भी प्रासंगिक हो सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी गठबंधन के चेहरे के रूप में उभरने की उनकी इच्छा के विपरीत किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा। राष्ट्रीय प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी दिल्ली की कई यात्राएं काम नहीं आईं। वह चुनाव के बाद की हिंसा के खून को छिपा नहीं सकीं और तुष्टीकरण की राजनीति की दुर्गंध से खुद को मुक्त नहीं कर सकीं।
उन्होंने कहा कि शर्मिंदा ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खरगे की वकालत की और खुद को इस रेस से बाहर कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी घबराहट के बावजूद विपक्षी खेमे में उनके पास कोई पैसा नहीं था और वे लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं, लेकिन तथ्य यह है कि राहुल गांधी के बंगाल में सर्कस आने से ठीक पहले उनकी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा इंडिया गठबंधन के लिए एक मौत की घंटी जैसा।