नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, भड़ली नवमी तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। इस दिन बिना शुभ मुहूर्त के मांगलिक कार्य किए जाते हैं। मान्यता है कि इस तिथि पर शुभ कार्य करने से इंसान को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं भड़ली नवमी पर कौन से कार्य बिना शुभ मुहूर्त के किए जा सकते हैं? भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। भड़ली नवमी के बाद 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत होगी। इसी दिन देवशयनी एकादशी भी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस एकादशी से जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। वहीं, देवउठनी एकादशी पर श्री हरि विष्णु जाग्रत होते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं।
कर सकते हैं ये कार्य
भड़ली नवमी के अवसर पर मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह, जनेऊ संस्कार और सगाई आदि कार्य किए जा सकते हैं। धार्मिक मत है कि इस दिन किए कार्य का शुभ फल प्राप्त होता है। इसी वजह से इस तिथि को अक्षय तृतीया की तरह बेहद शुभ माना गया है।
भड़ली नवमी डेट 2024 और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी (ठींकसप छंअंउप डनीनतंज ंदक च्नरं टपकीप) तिथि 14 जुलाई को संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो गई है। वहीं, इस तिथि का समापन 15 जुलाई को शाम 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। इसके लिए 15 जुलाई को भड़ली नवमी मनाई जाएगी