Sat, Apr 27, 2024
image
ठाकरे के बाद अब शरद पवार के परिवार को घेरने की तैयारी /29 Dec 2022 01:04 PM/    1104 views

लवासा मामला फिर बॉम्बे हाई कोर्ट में पवार परिवार के खिलाफ जांच के आदेश की मांग

सोनिया शर्मा
मुंबई । एक बार फिर लवासा मामला बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गया है। याचिका में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार और सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश देने का अनुरोध किया गया है. खबर है कि लवासा मामले में सीबीआई को पवार परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश देने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि चूंकि पवार परिवार राजनीति में प्रभावशाली है इसलिए राज्य पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाएगी. इससे ये साफ प्रतीत हो रहा है कि उद्धव ठाकरे परिवार के बाद अब शरद पवार के परिवार को घेरने की तैयारी चल रही है. आपको बता दें कि लवासा को पुणे के मुलशी तालुक में एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया था। इसमें सारे नियम कानून को ताक पर रखकर लवासा लेक सिटी प्रोजेक्ट बनाने का आरोप लगाते हुए याचिका में शरद पवार अजित पवार और सुप्रिया सुले के खिलाफ सीबीआई कार्रवाई की मांग की गई है. 2018 में यह भी आरोप लगाया गया था कि पुणे की पौड पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि वे पवार परिवार के सदस्य थे। यह याचिका नासिक के नानासाहेब जाधव ने दायर की है।
 क्या है लवासा लेक सिटी प्रोजेक्ट
लवासा लेक सिटी परियोजना को महाराष्ट्र क्षेत्रीय नगर नियोजन अधिनियम 1966 और महाराष्ट्र कृष्णा बेसिन विकास निगम अधिनियम 1996 का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए विकसित करने का आरोप है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लवासा मामले में महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था. जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ए.एस.बोपन्ना की पीठ ने अगस्त में नोटिस जारी करते हुए प्रतिवादियों से चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। लवासा कॉर्पाेरेशन लिमिटेड को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करने की अनुमति में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था। एसएलपी ने आरोप लगाया कि शरद पवार सुप्रिया सुले और अजित पवार के प्रभाव में आकर राज्य सरकार और महाराष्ट्र कृष्णा खोरे विकास निगम के अधिकारियों ने कानून और जनहित के खिलाफ फैसले लिए. इस याचिका में प्रतिवादी के तौर पर अजित पवार और सुप्रिया सुले के साथ शरद पवार को भी जोड़ा गया था.

Leave a Comment