नई दिल्ली। इजरायल रक्षा बल (आइडीएफ) के कमांडर मेजर ओमरी और सार्जेंट मेजर ताल ने पिछले साल सात अक्टूबर के हमलों को याद किया। उस दिन आतंकवादी संगठन हमास ने दक्षिण इजरायल पर हमला किया था, जिसमें सैकड़ों इजरायली मारे गए थे। सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया गया था। मेजर ओमरी आइडीएफ में बीते 11 वर्षो से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सात अक्टूबर को मैं अपने परिवार के साथ छुट्टी पर अपने घर में था। उस समय इजरायल में छुट्टियां थी। हम सुबह छह बजे एक मिसाइल की तेज आवास से उठे, जो हमारे घर के ठीक पास दागी गईं थी। हमारे घर के ठीक पास बमबारी हो रही थी। घर हिल रहा था। मैंन खिड़की से अपना सिर निकाला और अपने घर के पास एक बड़ा विस्फोट होते देखा।
आतंकवादी गाजा पट्टी की सीमा के पास
ओमरी ने आगे बताया कि जैसे ही उन्होंने शोर सुना, वह अपनी वर्दी और बंदूक लेकर अपने देश की रक्षा करने के लिए आइडीएफ की मदद करने निकल पड़े। उन्होंने याद करते हुए कहा कि दक्षिण की ओर गाड़ी चलाते समय उन्होंने रेडियो पर सुना कि आतंकवादी गाजा पट्टी की सीमा के पास रहने वाले नागरिकों का कत्लेआम कर रहे हैं। जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने बहुत सारे घायल लोगों और सैनिकों को देखा। फिर मैनें फैसला किया कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाऊंगा। उन्होंने बताया कि मैं नोवा पार्टी से बचकर भाग रहे लोगों की मदद की और उन्हें बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार दिया। ओमरी ने कहा, मैंने बहुत से लोगों को प्राथमिक चिकित्सा दी, जो मैदान में घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि वह तीन घंटे में 15 लोगों को बचाने में कामयाब रहे।