काठमांडू । नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों में सरकार के गठन को लेकर रविवार को भी सहमति नहीं बन सकी है जिससे नई सरकार के गठन का फैसला अभी तक नहीं हुआ है। नेपाल सरकार के लिए राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने दावा प्रस्तुत करने की समय सीमा 25 दिसंबर शाम 5 बजे तय की थी। रविवार को नेपाल में सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक बिना निष्कर्ष समाप्घ्त हो गई।नेपाल की कार्यवाहक सरकार में शामिल चार राजनीतिक दलों के नेता सरकार गठन को लेकर समझौते करने के लिए बैठक में शामिल हुए थे। लेकिन बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। बैठक में मौजूद नेताओं ने कहा सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक खत्म हो गई है। इसमें कोई फैसला नहीं किया गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास में इस पर चर्चा चल रही थी कि कौन पहले सरकार का नेतृत्व करेगा। इससे पहले माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल गठबंधन की बैठक से बाहर चले गए थे। उन्घ्होंने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से चर्चा की। बता दें कि काठमांडू में राजनीतिक ड्रामा चरम पर चल रहा है। माओइस्ट सेंटर के महासचिव देव गुरुंग ने नेपाली कांग्रेस (राजनीतिक पार्टी) को धमकी दी थी कि यदि गठबंधन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों पदों पर बने रहने की मांग पर अड़े रहे तब वे गठबंधन से अलग हो जाएंगे। गुरुंग ने बताया अगर कांग्रेस राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद पर रहने की मांग पर अड़ी है तो गठबंधन की क्घ्या जरूरत है। हम इससे बाहर निकल जाएंगे। उन्घ्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।