राहुल शर्मा
गंगटोक। बीते दस सालों में ये दूसरा मौका है जब सिक्किम में बगैर विपक्ष के सरकार चल रही है। यहां केवल एक विधायक विपक्ष के थे सो वो भी सत्तारुढ दल में शामिल हो गए हैं। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने फेसबुक पर लिखा, मुझे आज अपने आधिकारिक निवास मिंटोकगांग में 23-सियारी निर्वाचन क्षेत्र के माननीय विधायक तेनजिंग नोरबू लाम्था से मिलकर खुशी हुई। वह आधिकारिक तौर पर हमारे एसकेएम परिवार में शामिल हो गए हैं। लाम्था ने हाल ही में विधानसभा चुनावों में वरिष्ठ एसकेएम नेता और शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को 1,314 मतों से हराया था। 2 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही उनके एसकेएम में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर लमथा ने कहा था, मैं लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद अगला कदम तय करूंगा।
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के एकमात्र विधायक तेनजिंग नोरबू लाम्था ने आधिकारिक तौर पर सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) का दामन थाम लिया। इसके साथ ही सिक्किम की इतिहास में दूसरी बार विपक्ष विहीन सरकार चल रही है। 10 साल पहले भी ऐसी ही तस्वीर बनी थी। आपको बता दें कि वर्तमान में विधानसभा में 32 में से 30 विधायक है। इनमें से सभी अब एसकेएम के सदस्य हैं। सोरेंग-चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री तमांग और नामची-सिंघीथांग सीट से उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय के इस्तीफे के बाद दो सीटें खाली हैं। दो निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए तमांग ने रेनॉक का प्रतिनिधित्व करने का विकल्प चुना है। आपको बता दें लाम्था 2019 से लगातार पार्टी बदलते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के नेतृत्व वाले एसडीएफ के टिकट के दावेदार थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने सरकार में आईटी विभाग का सलाहकार बनाया गया। एसकेएम ने विधानसभा चुनावों में 31 सीटें जीती थीं, जबकि विपक्षी एसडीएफ को सिर्फ एक सीट मिली थी।