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श्रद्धांजलि /16 Nov 2023 12:45 PM/    295 views

सुब्रतराय के सपनो की उड़ान

कभी वह भी समय था जब लंब्रेटा स्कूटर पर बिस्किट और नमकीन बेचनेवाले सुब्रतराय को कोई नही जानता था,लेकिन उनके सपनो ने ऐसी उड़ान भरी कि देखते ही देखते अमीर बनने का सपना, सेलिब्रिटी बनने का सपना, अपना एक साम्राज्य खड़ा करने का सपना और न जाने क्या क्या पूरा होता चला गया।उन्होंने लाखों लोगों को सपना देखने के लिए प्रेरित भी किया और रोजगार के अवसर भी पैदा किए। ‘सहाराश्री’ नाम से मशहूर सुब्रतराय का जन्म 10 जून सन 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। आरंभिक पढ़ाई के बाद वे पढ़ने के लिए कोलकाता चले गए और फिर गोरखपुर के सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग करने लगे,लेकिन उनका मन पढ़ाई में नही लगता था।जिसपर उन्होंने गोरखपुर में ही छोटा-मोटा काम शुरू किया। 30 साल की उम्र में उनके पास मात्र 2000 रुपये थे,जिसकारण बैंक ने उन्हें 5000 रुपये का लोन देने से भी मना कर दिया था।लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और बिना लोन लिए ही व्यापार की पगडंडियों पर बढ़ने लगे। उन्होंने अपने मित्र के साथ मिलकर एक चिट फंड कंपनी शुरू की।80 के दशक में 100 रुपये कमानेवाले लोग उनके पास 20 रुपये जमा किया करते थे, कम रकम निवेश करने की स्कीम की वजह से लाखों लोग उनकी कंपनी में निवेश करने लगे थे।जिससे उनकी कंपनी और उनकी संपत्ति दोनों बढ़ती चली गई ।गोरखपुर से शुरू किया गया सुब्रतराय का यह कारोबार लखनऊ होते हुए विदेशों तक फैल गया था। उन्हें बचपन से ही फिल्म और क्रिकेट का शौक रहा। इसी शौक ने उन्हें इंडियन क्रिकेट टीम का सहयोगी बना दिया। लाखों-करोड़ों खर्च करके वे प्रायोजक बने रहे।सुब्रतराय लंबे समय तक दौलत और शोहरत की बुलंदी पर रहे। उनके एक इशारे पर फिल्मी सितारे उनके कार्यक्रमो में हाजिर हो जाते थे। अमिताभ बच्चन का करियर जब ढलान पर था तो सुब्रतराय ने उन्हें सहारा दिया था।धीरे-धीरे राजनीतिक गलियारों में भी सुब्रतराय की पहुंच बढ़ गई थी। अमर सिंह से लेकर मुलायम सिंह यादव तक सुब्रत राय के करीबी माने जाते थे।सन 2004 में उनके दोनों बेटों की शादी में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक आए थे,अमिताभ, शाहरूख समेत कई बॉलीवुड सितारे शादी में मौजूद रहे थे।उस शादी का खर्च करीब 500 करोड़ रुपये आंका गया था।सहारा समूह पैराबैंकिंग से शुरू होकर हाउसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, एयरलाइन्स, कंज्यूमर रिटेल, आईटी और मीडिया एंटरटेंमेंट तक पहुंच गया है। उनकी सहारा एयरलाइंस जरूर बंद हुई, लेकिन कंपनी की वैल्यू करीब 2.82 लाख करोड़ रुपये पार तक जा पहुंची।लखनऊ के गोमतीनगर में सुब्रत राय ने 170 एकड़ जमीन हासिल कर सहारा शहर बसाया। सहारा शहर में केवल राजनेताओं, बॉलीवुड-क्रिकेट सेलिब्रिटीज बहुतायत में है।
सहारा के कंधे पर जब तक मुलायम सिंह यादव का सहारा रहा तब तक उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन सन 2007 में सत्ता परिवर्तन के बाद से मायावती की निगाहें ‘सहारा श्री’ पर टेढ़ी हो गई,जिससे उनकी सल्तनत को भारी नुकसान भी हुआ।निवेशकों के 24 हजार करोड़ मामले में कोर्ट की सख्ती के चलते सहाराश्री को कठिनाई का सामना भी करना पड़ा।एक जमाने में उनकी नेट वर्थ 11 अरब डॉलर से भी अधिक हुआ करती थी,न्यूयॉर्क के प्लाजा होटल और लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस पर भी सुब्रत रॉय का मालिकाना हक रहा। वे पूर्व दिग्गज फॉर्म्युला वन रेसिंग टीम के मालिक भी रहे थे।उन्होंने देश के लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार दिया ।उन पर इन्वेस्टर से धोखाधड़ी के आरोप भी लगे।जिसके बाद उन्हें जेल में भी रहना पड़ा।अदालत ने सुब्रत रॉय को निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए । जिसके बाद से सुब्रत लगातार परेशानी में घिरे रहे।इस कठिन दौर में भी उन्होंने शांति, सुखरू संतुष्टि”, मन की शांति और सुखी जीवन पर निबंध 
 “मान, सम्मान, आत्मसम्मन”
“जीवन के मंत्र” 
 “मेरे साथ सोचो” जैसी कई पुस्तकें लिखी।उन्हें मिले सम्मान व पुरुस्कारों में, बाबा-ए-रोजगार पुरस्कार (1992),उद्यम श्री (1994),कर्मवीर सम्मान (1995),राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार (2001), सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक पुरस्कार (2002),वर्ष का उद्यमी पुरस्कार (2002),वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार (2004),आईटीए दृ वर्ष 2007 का टीवी आइकन,विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान (2010)
,रोटरी इंटरनेशनल द्वारा उत्कृष्टता के लिए व्यावसायिक पुरस्कार (2010), लंदन में पॉवरब्रांड्स हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स में बिजनेस आइकन ऑफ द ईयर अवार्ड (2011), पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय से बिजनेस लीडरशिप में मानद डॉक्टरेट (2013),डी. लिट की मानद उपाधि। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा,भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कारों की सामान्य जूरी का पुरस्कारसुब्रत रॉय सहारा कर्मवीर सम्मान (1995), उद्यमश्री (1994), बाबा-इरोजगर (1992), और नोबल सिटीजन अवार्ड (1986) के गौरवशाली विजेता हैं। उन्हें 2002 में सर्वश्रेष्ठ उद्योगपति पुरस्कार और वर्ष के उद्यमी का पुरस्कार मिला है।
 
सुब्रत रॉय को 2004 में ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड भी मिला है।
 व्यवसायी को वर्ष 2007 के आईटीए दृ टीवी आइकन से सम्मानित किया गया है।
सन 2011 में, सुब्रत रॉय को लंदन में पावर ब्रांड्स हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स में ‘बिजनेस आइकन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार मिला।सन 2012 में, इंडिया टुडे समाचार पत्रिका ने उन्हें ‘भारत के 10 सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों’ में सूचीबद्ध किया।जो उनके विराट व्यक्तित्व का आईना है।उनके निधन से व्यावसायिक जगत में ही नही समाज सेवा के क्षेत्र में भी एक रिक्तता आई है। उन्हें शत शत नमन।

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