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पीछे काम कर रहा है पाक-ब्रिटेन का गठजोड़ /28 Jan 2023 03:26 PM/    1308 views

नरेंद्र मोदी के खिलाफ चल रहा है सूचना युद्ध का एक नया दौर

सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। यह स्पष्ट है कि मोदी प्रशासन के खिलाफ सूचना युद्ध का एक नया दौर शुरू हो गया है। इसमें व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में ऐसी दो घटनाएं सामने आई हैं। इसकी शुरुआत पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल  भुट्टो ने की थी। पहले उन्होंने पीएम मोदी पर निजी हमला करते हुए अपमानजनक टिप्पणी की और बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री ने विवाद को हवा दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बेतुके बोल के बाद बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सूचना युद्ध के अगली कड़ी के रूप में सामने आई है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने इंडिया नैरेटिव ऑप-एड में लिखा है कि डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण था।
 
बिलावल भुट्टो के बेतुके बोल
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे को उठाने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री को याद दिलाया था कि इस्लामाबाद ने कट्टर आतंकवादी ओसामा बिन लादेन और भारतीय संसद पर 2001 के हमले का मास्टरमाइंड को शरण दी। इसके बाद पीएम मोदी के खिलाफ भुट्टो ने बयानबाजी की। उन्होंने कहा, ’’मैं भारत के विदेश मंत्री को याद दिलाना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन मारा गया है, लेकिन गुजरात का कसाई जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है।’’ भुट्टो ने न्यूयॉर्क में कहा, ’’प्रधानमंत्री बनने तक उनके इस देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ये आरएसएस के प्रधानमंत्री और आरएसएस के विदेश मंत्री हैं। आरएसएस क्या है? आरएसएस हिटलर से प्रेरित है।’’
 
’बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दुर्भावनापूर्ण’
बिलावल भुट्टो के बेतुके बोल के बाद बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री अगली कड़ी के रूप में सामने आई। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने इंडिया नैरेटिव ऑप-एड में लिखा है कि डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य ’स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण’ था। मोदी अब लगभग नौ साल से सत्ता में हैं। उनके बारे में जो कुछ पहले से ही ज्ञात है, उससे परे उसमें खोजने के लिए कुछ भी नया नहीं है। वो देश के अंदर और बाहर अल्पसंख्यकों के मुद्दों, लिंचिंग, नागरिकता संशोधन अधिनियम, किसानों के आंदोलन, दिल्ली दंगों, शाहीन बाग धरने, कोविड की शुरुआती हैंडलिंग, अनुच्छेद 370 में संशोधन, विमुद्रीकरण पर विवादों से घिरे रहे हैं।
 
’बीबीसी का क्या मकसद था’
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक पीएम मोदी और उनकी पार्टी को फासीवादी, हिटलर जैसा, बहुसंख्यकवादी और इसी तरह के अन्य तरीकों से बदनाम किया गया है। इसके साथ ही गुजरात दंगों में उनकी मिलीभगत के आरोपों को भारत में विपक्ष ने हवा दी, विदेशों में ये बात वर्षों तक गूंजती रही। ऐसे में सवाल उठता है कि उन पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के बीबीसी के फैसले के पीछे क्या मकसद था।
 
जैक स्ट्रॉ का निहित स्वार्थ
सिब्बल बताते हैं कि पूर्व विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ ने गुजरात दंगों की जांच के आदेश दिए थे। इसके आधार पर ब्रिटिश विदेश कार्यालय से मिली जानकारियों को बीबीसी ने इस्तेमाल किया। जैक स्ट्रॉ ने गुजरात दंगों पर एक ’जांच’ का आदेश दिया था, जिसका ब्रिटेन से कोई लेना-देना नहीं था। अपने निर्वाचन क्षेत्र ब्लैकबर्न में मुस्लिम बहुसंख्यक मतदाताओं को खुश करने के लिए पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए स्ट्रॉ का निहित स्वार्थ था। इस तथ्य से समझाया जाता है कि उनके ब्लैकबर्न निर्वाचन क्षेत्र में 35 प्रतिशत मुस्लिम और केवल 0.3 प्रतिशत हिंदू हैं।
 
67 फीसदी भारतीय हैं पीएम मोदी से संतुष्ट
हाल ही में इंडिया टुडे-सीवोटर सर्वेक्षण से पता चलता है कि अधिकांश भारतीय नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता भी बढ़ी है। मूड ऑफ द नेशन सर्वे के मुताबिक, 67 फीसदी लोगों ने कहा कि वो मौजूदा सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। अगस्त के नतीजों से ये संख्या 11 फीसदी ज्यादा है। जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन का संबंध है, 72 प्रतिशत ने कहा कि वो कोविड-19 संकट और चीन से खतरों के बावजूद संतुष्ट हैं।

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    07 Feb 2023 02:46 PM

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