सुनील शर्मा
मुंबई । भारी कर्ज संकट का सामना कर रहे उद्योगपति अनिल अंबानी के हाथ से एक साथ तीन कंपनियां निकल सकती हैं। बताया जा रहा है कि हिदूजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) रिलायंस कैपिटल की तीन बीमा कंपनियों को खरीदने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी आफ इंडिया (आईआरडीएआई) अगले कुछ दिनों में इसे हरी झंडी दे सकता है। रेगुलेटर का मानना है कि रिलायंस कैपिटल एक बड़ी गैर-बैंकिग फाइनेंशियल कंपनी है, बैंकरप्सी प्रासीडिग में उलझ गई है और इसे कोर्ट द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर बंद किया जाना चाहिए। पिछले हफ्ते कमेटी आफ क्रेडिटर्स ने आईआईएचएल को 27 मई की समयसीमा तक यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। हालांकि कंपनी ने बैंकों को बताया था कि आईआरडीएआई की मंजूरी के बिना वह लेनदेन को पूरा नही कर पाएगी। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने रिलायंस कैपिटल के लिए आईआईएचएल की 9,650 करोड़ की समाधान योजना को 27 फरवरी को अपनी मंजूरी दी थी। एनसीएलटी ने आईआईएचएल को 90 दिनों की अवधि के भीतर यह सौदा पूरा करने का निर्देश दिया था। मार्च में एडमिनिस्ट्रेटर को लिखे पत्र में आईआरडीएआई ने इस डील के बारे में अपनी आपत्तियां व्यक्त की थी। रेगुलेटर ने आईआइएचएल के डाइवर्स शेयरहोहल्डिग स्ट्रक्चर पर सवाल उठाया था जिसमें किसी के भी पास 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नही है। आईआरडीएआई ने आईआईएचएल के शेयरधारकों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी। एक सूत्र ने बताया कि आईआईएचएल ने आईआरडीएआई के सभी सवालों का समाधान कर दिया है और उम्मीद है कि रेगलुटेर जल्दी इसे मंजूरी दे देगा।