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पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फील्डिंग और फिटनेस पर भी उतना ही ध्यान दिया /14 Sep 2022 04:20 AM/    1171 views

धोनी की इस नीति के कारण बाहर हुए थे अनुभवी खिलाड़ी : श्रीधर

 
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व भारतीय फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने कहा है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फील्डिंग और फिटनेस पर भी उतना ही ध्यान दिया था जितना बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर दिया। धोनी की इसी नीति के कारण कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को भी टीम से बाहर होना पड़ा था क्योंकि वे फील्डिंग और फिटनेस में पिछड़ गये थे। धोनी ने पिछले एक दशक में सभी प्रारूपों में भारतीय टीम को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।   धोनी के आने से पहले सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले जैसे महान खिलाड़ी भारतीय टीम में थे पर इसके बाद भी टीम को आईसीसी टूर्नामेंट में संघर्ष करना पड़ रहा था। धोनी ने टीम की कमान संभालते ही भारतीय टीम के रुख को बदल दिया।
श्रीधर साल 2014 में धोनी की कप्तानी के दौरान भारत के फील्डिंग कोच बने थे। उन्होंने कहा कि धोनी ने तब साफ कर  दिया था कि फील्डिंग और विकेटों के बीच दौड़ना दो ऐसे क्षेत्र थे, जिनके लिए वह कोई समझौता नहीं करेंगे। इस कारण कुछ अनुभवी खिलाड़ी टीम में जगह बरकरार नहीं रख पाये। धोनी के बाद इसी कड़ी को विराट कोहली ने कप्तान बनते ही आगे बढ़ाया।
इसी का परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षों में शानदार फील्डिंग प्रयासों से भारतीय टीम को रन बचाने का काफी फायदा मिला है। कोहली और रवींद्र जडेजा ने राष्ट्रीय टीम में स्वयं को सर्वश्रेष्ठ भारतीय फील्डर के रूप में स्थापित किया है। 
 

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