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पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजा देने का आदेश /30 Jan 2024 08:58 PM/    32 views

केरल सामूहिक दुष्कर्म मामले मे कोर्ट ने तीनों को 90-90 साल की सजा सुनाई

चौथे को आरोपी को कोर्ट ने बरी किया
सोनिया शर्मा
केरल। केरल की एक कोर्ट ने मंगलवार को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों को साल 2022 में पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक की 15 वर्षीय बेटी के साथ एक चाय बागान में सामूहिक दुष्कर्म करने का दोषी पाया। इसके लिए। विशेष लोक अभियोजक स्मिजू के दास ने कहा, क्योंकि सभी को सजा एक साथ काटनी होगी और पुरुषों को दी गई जेल की अधिकतम सजा 25 साल थी, इसलिए वे 25 साल जेल में रहेंगे।
स्पेशल कोर्ट ने तीनों को धारा 376 (3) 16 साल से कम उम्र की महिला से दुष्कर्म के तहत अपराध के लिए 20 साल और धारा 376 डीए (16 साल से कम उम्र की महिला से सामूहिक दुष्कर्म) के तहत 25 साल कैद की सजा सुनाई।
इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों दोषियों को पॉक्सो अधिनियम की धारा 4(2) (सोलह साल से कम उम्र के बच्चे पर यौन हमला) के तहत 20 साल और धारा 5 (जी) (एक बच्चे पर सामूहिक यौन हमला) के तहत 25 साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने तीनों के ऊपर 40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाते हुए निर्देश दिया कि इन पैसों को पीड़ित को दे दी जाएगी।
वहीं, कोर्ट ने इडुक्की-थोडुपुझा जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को पीड़ित मुआवजा योजना के तहत मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में चार वयस्क आरोपियों में से तीन को आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के तहत 16 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के अपराध के लिए दोषी ठहराया था। वहीं, चौथे को आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया, जो कथित तौर पर दुष्कर्म के समय निगरानी में खड़ा था। बता दें कि 15 वर्षीय पीड़िता के साथ 29 मई, 2022 को इडुक्की के पूपारा गांव के एक चाय बागान में सामूहिक दुष्कर्म किया गया गया था। पीड़िता अपने दोस्त के साथ चाय बागान में गई थी। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, जब वह अपने दोस्त से बात कर रही थी तभी वहां चार लोग आए और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद जघन्य घटना को अंजाम दिया। लड़की की सहेली मदद के लिए चिल्लाई और जब स्थानीय लोग उसकी मदद के आए तो सभी अपराधी मौके से फरार हो गए।

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