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गांधी को तुम नही ,सब जानते हैं

गांधी जी को नेल्शन मंडेला से कम लोकप्रिय नही बता सकता

31 May 2024 01:43 PM 161 views

गांधी को तुम नही ,सब जानते हैं

आप न हंस सकते हैं और न रो सकते हैं,क्योंकि आपके प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने महात्मा गांधी को लेकर अपने साक्षात्कार में जो कुछ कहा  है उसे सुनकर सिर्फ माथा पीटा जा सकता है। हिदुस्तान का दुर्भाग्य है या सौभाग्य  राम ही जाने।  लेकिन उसे ऐसा पहला प्रधानमंत्री मिला है जिसकी जुबान का कोई खड़ा नही। वो कभी भी,कही भी, कुछ भी कह सकता है।  बोल सकता है और बेशमी के साथ सीना ठोंककर बोल सकता है। भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र दामोदर दास मोदी का मै शुरू से मुरीद रहा हूँ ।  वे भले ही पंडित जवाहर लाल नेहरू की तरह  डिस्कवरी आफ इंडिया  नही लिख सकते । वे भले ही तेरह साल जेल नही रहे ।  भले ही उनकी बेटी और पौत्र देश के लिए  शहीद नही हुए लेकिन उन्होंने चाय बेची है । उन्होंने गरीबी देखी है। उन्होने अपनी पत्नी को त्याग कर सन्यासी बनने की भी कोशिश की है। उन्होंने अपने अभिनय के बल पर भाजपा को सत्ता के शिखर पर पहुंचाया है । उन्होंने अपनी मिथ्यावाणी से देश में अपने अंधभक्तों की फ़ौज खड़ी की है। उन्होंने स्वयं को अविनाशी घोषित किया है ।  उन्होंने अपने जैविक इंसान होने का भी खंडन किया है।  लेकिन अब वे बौरा गए हैं। कभी-कभी लगता है कि वे सन्निपात  में हैं और जो मुंह में आ रहा है सो बोले जा रहे हैं। जैसा कि  मैंने पहले ही कहा कि  मै मोदी जी का हर भाषण सुनता हूँ ।  चाहे वो संसद में हो या सड़क पर। उनका हर साक्षात्कार सुनता हूँ ,फिर चाहे वो उनके घर पर हो, स्टूडियो में हो या क्रूज पर हो। उन्हें सुनना हर भारतीय का नैतिक कर्तव्य है। जो उन्हें अनसुना करता है ,वो गलती करता है। मैंने उनका ताजा साक्षात्कार  भी सुना जिसमें उन्होंने कहा कि  महात्मा गाँधी को गांधी  फिल्म बनने से पहले देश के बाहर जानता ही कौन था ? ये उनकी विद्व्त्ता का ताजा उदहारण है। माना कि  महात्मा   गाँधी ने मोदी जिकी तरह सरकारी खर्च पर दुनिया नही घूमी लेकिन वे बिना दुनिया घूमे ही पूरी दुनिया में जितने प्रतिष्ठित हैं उसके लिए किसी मोदी के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नही है। महाज्ञानी और महाअभिमानी मोदी शायद नही जानते कि  भारत देश कलिकाल में गांधी के भारत के रूप में ही जाना जाता है। इसका प्रमाण ये है कि  वे जिस महाबली अमेरिका के चक्कर  में फंसे हैं वहां भी उन्हें महात्मा गाँधी की आदमकद प्रतिमाओं के समक्ष नतमस्तक होना पड़ता है ।  महात्मा गाँधी कभी अमेरिका नही गए ,लेकिन अमेरिका के 22  शहरों में वे अपनी लकुटिया लिए जहां-तहाँ  खड़े नजर आ जायेंगे । महात्मा की ये आदमकद प्रतिमाएं 2014  के बाद नही लगी बल्कि बहुत पहले लगायी जा चुकी हैं। इन प्रतिमाओं को कांग्रेस ने नही बल्कि अमरीकी कांग्रेस और अमरीकी संस्थाओं ने लगाया है।  अमेरिका में गांधी ने बिना जाये अपने   विचारों से मार्टिन लूथर किग जूनियर को तैयार किया। माटिन लूथर  किग को अमेरिका का गांधी यूं ही नही कहा जाता। अमेरिका के अटलांटा शहर में मार्टिन लूथर किग जूनियर के स्मारक के बाहर ही महात्मा गाँधी की आदमकद प्रतिमा लगी है ।  मै वहां अनेक बार गया हूँ। दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अपने देश के लिए लड़ते हुए मर गए और जीते जी किवदंती बन गए  । महात्मा गाँधी उनमें  से एक हैं। महात्मा गाँधी दक्षिण अफ्रिका और इंग्लैंड के अलावा शायद मोदी जी की तरह पूरी दुनिया नही घूमें ,लेकिन दुनिया के हर देश में वे मौजूद है। अपने सत्य और अहिसा के सन्देश के साथ। उनके पास मोदी जी की तरह असत्य और झूठ की लाठी नही है। वे अविनाशी भी नही थे । उन्होंने कभी खुद को अवतार घोषित नही किया था।  उनके जैविक माता-पिता थे। पत्नी -बच्च्चे थे। वे पढ़ने -लखने अपने माँ-बाप के पैसे से इंग्लैण्ड गए थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में  बाकायदा वकालत की,सामाजिक आंदोलन किये। फीनिक्स में उनका आश्रम भी है  उन्हें मोदी जी के ही पूर्वजों ने गोली से मारा ,लेकिन वे फिर भी नही मरे। गाँधी को ज़िदा रखने के लिए किसी कांग्रेस की जरूरत नही पड़ी और न शायद भविष्य में पड़ेगी। गांधी को ज़िदा रखने के लिए भाजपा जैसी अदावत  की राजनीति करने वाले दल की भी जरूरत नही है। हालांकि कांग्रेस ने आजादी के बाद देश में सबसे ज्यादा संस्थान महात्मा गाँधी के नाम से खोले ।  महात्मा गाँधी के नाम से मोदी जी की नाक के नीचे दिल्ली में  गांधी शांति प्रतिष्ठान है। मोदी जी चीन के राष्ट्रपति जिन शी जिन पिंग को साबरमती   के आश्रम में झूला झूला रहे थे, वो आश्रम भी महात्मा गाँधी का ही है । वहां आधुनिकता के नाम पर बुलडोजर चलवाने वाले भी मोदी जी ही हैं। महात्मा  गाँधी कोई गुरु गोलवलकर नही हैं जिन्हें केवल नागपुर की शाखाओं में दीक्षित लोगों तक सीमित हों ।  गांधी सचमुच के गाँधी हैं और इस देश में चाहे जिस दल या विचारधारा के राजनीतिक दलों की सत्ता आए वो गांधी को ख़ारिज नही कर सकता ।  उन्हें गुमनाम नही कह सकता ।  उन्हें नेल्शन मंडेला से कम लोकप्रिय नही बता सकता। और जो ऐसा करता है वो वज्र अज्ञानी  है। उसे पुन : ज्ञानार्जन के लिए प्राथमिक स्कूल में दाखिला ले लेना चाहिए।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने महात्मा गाँधी के बारे में अपने अज्ञान का मुजाहिरा (आप मुजरा भी कह सकते हैं ) कर न सिर्फ देश की अस्मिता को आघात पहुंचाया है बल्कि देश की प्रतिष्ठा को भी कम किया है ।  गांधी यदि हस्ती न होते तो किसी अंग्रेज को  गांधी  फिल्म बनाने की जरूरत न पड़ती। किसी को महात्मा गाँधी के साहित्य,विचारों पर पीठें स्थापित न करना पड़ती। शोध न करने पड़ते। गाँधी आज दुनिया की तमाम  प्रमुख भाषाओँ में अनुदूतित  विचारक हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में यदि रत्ती भर भी शर्म हो तो उसे आपने इस महान स्वयं सेवक के शाखाओं में दिए गए तमाम प्रशिक्षण प्रमाण-पत्रों को वापस लेकर उन्हें या तो दोबारा दीक्षित करना चाहिए या संघ से निष्काषित कर देना चाहिये । भाजपा के मार्गदर्शक मंडल को भी कमोवेश ऐसा ही करना चाहिए। आखिर भाजपा और संघ कब तक माननीय की धृष्टताओं पर पर्दा डालते रहेंगे ?  
माननीय प्रधानमंत्री जी जब तक पद पर हैं तब तक उनका और उनकी कुर्सी का सम्मान करना हर भारतीय के लिए एक विवशता है , लेकिन जिस दिन भी वे इस पद से हटेंगे तब इतिहास उन्हें और उनके कार्यकाल को कूड़ेदान में डाल देगा। वे न नेहरू बन पाएंगे और न इंदिरा गाँधी ।  वे न अटल बिहारी जैसा मान पा सकेंगे और न देश उन्हें चौधरी चरण सिह की तरह एक किसान नेता के रूप में याद करेगा ।  वे डा मनमोहन सिह की तरह अर्थशास्त्री तो कभी कहला ही नही सकेंगे। उन्हें देश किस रूप में याद करेगा ,ये तय करना आसान नही है।  उन्हें न शेख चिल्ली कहा जा सकता है और न मुंगेरी लाल। उन्हें ये दोनों उपाधियाँ देना इन दो बड़े किरदारों का भी अपमान होगा। बहरहाल आज में माननीय मोदी जी के प्रति अत्यंत संवेदनाओं से भरा हुआ हूँ ।  मै भगवान  से प्रार्थना करूंगा कि वो उन्हें सद्बुध्दि प्रदान करे ताकि वे अपने दल की लम्बे समय तक सेवा कर सकें । देश की सेवा करना  तो अब उनके बूते की बात ही नही रही। मोदी जी अपने अज्ञान के लिए निदां, आलोचना क्रोध के नही दया के पात्र है।  आइये हम सब उनके प्रति दयाभाव प्रकट कर उन्हें क्षमा कर दें,क्योंकि मोदी जी खुद नही जानते कि उन्होंने कितना बड़ा और जघन्य अपराध देश और महात्मा गाँधी के प्रति किया है। मोदी जी को ध्यान  रखना चाहिए की वे उस काशी कि सांसद भी हैं जिसकी अपनी ज्ञान परम्परा  है ।  काशी से अब तक सामन्य  ज्ञान में इतना  कमजोर संसद कभी नही चुना  गया ,