सिगापुर। सिगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग 15 मई को अपना पद छोड़ेंगे। अगले बुधवार को अपने डिप्टी लारेंस वोंग को कार्यभार सौंपने से पहले ली ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने 20 साल के कार्यकाल को लेकर एक विस्तृत साक्षात्कार में चर्चा की। पीएम ली सीन लूंग ने कहा कि सिगापुर विश्व स्तर पर प्रतिभाओं की खोज करता है। यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के स्नातकों की सबसे बड़ी संख्या है। विस्तृत साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे भारत में शीर्ष संस्थान हैं और उनमें स्थान हासिल करना मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी या हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने के बराबर है। वहां के पेशेवरों (आईआईटी-आईआईएम पूर्व छात्रों) ने सिगापुर में एसोसिएशन बनाई हैं और समय-समय पर समारोह आयोजित करते हैं। भारत से आए वर्कर्स के समुदाय का हवाला देते हुए ली ने कहा कि सिगापुरवासी उनकी आमद पर ध्यान देते हैं क्योंकि संख्या छोटी नही है। हालांकि, वे प्रतिभाशाली लोग हैं और सिगापुर के लिए बहुत मूल्यवान हैं और जब हम प्रवाह का प्रबंधन करते हैं तो हमें उनका स्वागत करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने आईआईटी-आईआईएम के पूर्व छात्रों की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला और जनशक्ति की मांग को पूरा करने के लिए सिगापुर द्वारा विदेशी प्रतिभाओं को लाना जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सिगापुर विश्व स्तर पर प्रतिभाओं की खोज करता है और चीन, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देश, विशेष रूप से पड़ोसी मलेशिया इसके मुख्य स्रोत हैं। ली ने यह भी बताया कि विदेश से आने वालों को शहर-राज्य के बहु-नस्लीय समाज में उचित रूप से एकीकृत करना होगा। चैनल न्यूज़ एशिया द्वारा प्रकाशित साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि सामाजिक एकजुटता चाहने और अप्रवासियों को लाने के बीच अंतर्निहित तनाव का प्रबंधन करना सबसे कठिन मुद्दा है, जिससे उन्हें निपटना पड़ा है। अगले बुधवार को अपने डिप्टी लारेंस वोंग को कार्यभार सौंपने से पहले, ली ने प्रधान मंत्री के रूप में अपने 20 साल के कार्यकाल का जायजा लेते हुए विस्तृत साक्षात्कार में इस विषय को संबोधित किया।