Sat, Apr 27, 2024
image
मूर्ति खुद एक शिक्षक के बेटे हैं /17 Nov 2023 01:17 PM/    284 views

देश में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए सालाना कम से कम एक अरब डॉलर निवेश की जरुरत - नारायण मूर्ति

सोनिया शर्मा
बेंगलुरु । इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत को अपने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए अगले बीस वर्षों तक सालाना कम से कम एक अरब डॉलर का निवेश करने की जरूरत है, जिससे बेहतर परिणाम मिल सकें। मूर्ति इंफोसिस साइंस फाउंडेशन द्वारा आयोजित इंफोसिस पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। यह पुरस्कार भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों और अर्थशास्त्रियों को सालाना छह श्रेणियों में दिए जाते हैं। मोदी सरकार द्वारा पेश की गई नई शिक्षा नीति (एनईपी) के बारे में मूर्ति ने कहा कि इसके परिणाम में तेजी लाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। मूर्ति ने कहा कि एनईपी के परिणाम में तेजी लाने का एक संभावित तरीका है कि विकसित दुनिया और भारत से एसटीईएम क्षेत्रों (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में 10,000 सेवानिवृत्त अत्यधिक निपुण शिक्षकों को आमंत्रित किया जाए, जो हमारे 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित राज्यों में 2,500 शिक्षकों को प्रशिक्षित करें। प्रशिक्षण कार्यक्रम साल भर का होना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि चार प्रशिक्षकों का प्रत्येक सेट एक वर्ष में 100 प्राथमिक विद्यालय और 100 माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सकता है। हम इस पद्धति से हर साल 250,000 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और 250,000 माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में सक्षम होंगे। ये प्रशिक्षित भारतीय शिक्षक 5 वर्षों की अवधि में स्वयं प्रशिक्षक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रति वर्ष लगभग 100,000 का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीस साल के कार्यक्रम पर भारत को प्रति वर्ष 1 अरब डॉलर और बीस वर्षों में 20 अरब डॉलर का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य लेकर चल रहे हमारे देश को यह कोई बड़ा वित्तीय बोझ नहीं लगेगा। 
मूर्ति, जो खुद एक शिक्षक के बेटे हैं, ने कहा कि भारत को अपने शिक्षकों और शोधकर्ताओं को सम्मान देना चाहिए और बेहतर वेतन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को नवाचार और आविष्कार में चरण 4 की आकांक्षा करनी चाहिए, जहां वह अमेरिका, अधिकांश यूरोपीय संघ के देशों, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की सफलता को प्रतिबिंबित करते हुए नई प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं का आविष्कारक बन जाए। मूर्ति ने बताया कि एक राष्ट्र आम तौर पर चरण एक में नवाचार या आविष्कार नहीं करता है। चरण दो में, यह अन्य देशों के आविष्कारों और नवाचारों का उपयोग करके उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन शुरू करता है। मूर्ति ने बेंगलुरु में इंफोसिस पुरस्कार 2023 पुरस्कारों में बोलते हुए कहा कि हम अभी भी रहने योग्य शहरों के डिजाइन, प्रदूषण प्रबंधन, यातायात प्रबंधन और स्वच्छ और सुरक्षित पानी उपलब्ध कराने जैसे कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पहले चरण पर हैं।

Leave a Comment