सुनील शर्मा
नई दिल्ली । एमआरएनए कोविड-19 वैक्सीन कार्डियक अरेस्ट की वजह बन रही है जिसमें अचानक कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मृत्यु भी शामिल हैं। लुइसियाना के एक क्लीनिकल साइंटिस्ट और इमरजेंसी फिजिशियन जोसेफ फ्रैमैन ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन लोगों में गंभीर प्रतिकूल घटनाओं को बढ़ा सकता है। एमआरएनए कोविड-19 वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना के ट्रायल का फिर से विश्लेषण करने वाले रिसर्च के प्रमुख लेखक जोसेफ फ्रैमैन ने एक ऑनलाइन वीडियो में कहा कि हमने पाया कि वैक्सीन गंभीर प्रतिकूल घटनाओं में इजाफा करता है हालांकि इसकी दर 800 में से सिर्फ एक है। फ्रैमैन ने आगे कहा कि रिसर्च के प्रकाशन के समय मेरे साथी खकों और मुझे विश्वास नहीं था कि हमारे अध्ययन की वजह से बाजार से एमआरएनए वैक्सीन को वापस लेने की मांग की गई है। हालांकि इसके प्रकाशन के बाद से नए सबूत हमारे सामने आए हैं और इसके कारण मुझे फिर से अपनी स्थिति का मूल्यांकन करना होगा। एक अन्य अध्ययन का जिक्र करते हुए और अपने स्वयं के शोध के साथ समानताएं बताते हुए उन्होंने कहा कि आरएनए मैसेंजर से एफडीए के स्वयं के अवलोकन संबंधी निगरानी डेटा के बारे में बीएमजे में प्रकाशित एक लेख हमारे मूल अध्ययन में पहचानी गई समान गंभीर प्रतिकूल घटनाओं में से कईयों से जुड़ा था। हालांकि शोधकर्ता कहते हैं कि एफडीए इन निष्कर्षों के बारे में जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहा है। फ्रैमैन का यह भी कहना है कि उनके और उनकी टीम के पास कई शवों की ऑटोप्सी रिपोर्ट की स्टडी है जो ‘अनिवार्य रूप से निर्णायक सबूत’ देते हैं कि टीके अचानक हृदय संबंधी मौतों की वजह बन रहे हैं। इमरजेंसी फिजिशियन ने अतिरिक्त मृत्यु दर में इजाफा और शुरुआती टीकाकरण के समय और बाद के बूस्टर अभियानों के बीच कुछ सह-संबंधों को भी दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि एमआरएनए वैक्सीन इस्तेमाल करने वाले देशों में अधिक मौतें हुई हैं जो कि अतिरिक्त मृत्यु दर से उसके जुड़ाव को साबित करता है बकि इस अतिरिक्त मृत्यु दर का कारण मालूम नहीं है इस डेटा का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ता टीकों के अलावा अतिरिक्त मृत्यु के किसी अन्य उचित कारण की पहचान करने में असमर्थ रहे।