सोनिया शर्मा
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन वेदों के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। जिसके बाद से ही ये दिन गुरुओं के लिए समर्पित कर दिया गया और उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा। इस मौके पर अगर आप भी अपने प्रिय गुरुजनों का आभार व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ खास संदेश भेज सकते हैं। गुरू पूर्णिमा के खास मौके पर अगर आप भी अपने प्रिय गुरुजनों का आभार व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ खास संदेश भेज सकते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है। गुरु ज्ञान देते हैं और जीवन की सही दिशा बताते हैं। गुरु की महिमा और महत्व सभी तक पहुंचाने के लिए प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाते हैं। पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इस पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा 2023 का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि वेदव्यास को सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इस कारण से महर्षि वेदव्यास को इस संसार का पहला गुरु माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के पर्व के अवसर पर लोग अपने गुरुओं का आदर-सत्कार करते हुए उनका पूजन करते हैं। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु ते की पूजा-आराधना की जाती है। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा तिथि पर अन्नदान करने का काफी महत्व होता है।
गुरु बिना ज्ञान नहीं,
ज्ञान बिना आत्मा नहीं,
ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म,
सब गुरु की ही देन !