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भारतीय मूल के मलेशियाई को सिंगापुर की कोर्ट ने मादक पदार्थ की तस्करी मामले किया बरी

ड्रग पहुंचाने वालों को 28 अक्टूबर, 2011 को सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था

31 Oct 2022 07:39 PM 2040 views

भारतीय मूल के मलेशियाई को सिंगापुर की कोर्ट ने मादक पदार्थ की तस्करी मामले किया बरी

सिंगापुर । सिंगापुर की एक अपीली अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में भारतीय मूल के 39 वर्षीय एक मलेशियाई शख्स को बरी कर दिया। कोर्टन ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन अपने मामले को साबित नहीं कर पाया। मामले में शख्स को मई 2020 में मृत्युदंड दिया गया था। एक खबर के अनुसार सिंगापुर की शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2011 में हुए यहां एक कार पार्किंग में मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में पुनीथन गनासन को बरी कर दिया। मई 2020 में गनासन को मौत की सजा सुनाई गई थी, जो सिंगापुर में कोविड-19 महामारी के दौरान दी गई पहली मौत की सजा थी। गनासन पर तब मामला शुरू किया गया जब मादक पदार्थ पहुंचाने वालों में से एक ने आरोप लगाया था कि गनासन मादक पदार्थ लेन-देन का मास्टरमाइंड था, जिसके लिए ड्रग पहुंचाने वालों को 28 अक्टूबर, 2011 को सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
दोनों के पास से कम से कम 28.5 ग्राम डायमॉर्फिन या शुद्ध हेरोइन युक्त दानेदार पदार्थ बरामद किए गए थे। सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो की वेबसाइट के अनुसार, सिंगापुर के नशीली दवाओं के दुरुपयोग कानून के तहत 15 ग्राम से अधिक के डायमॉर्फिन का अवैध तरीक से आयात या निर्यात पर मौत की सजा का प्रावधान है। सुनवाई का फैसला सोमवार को जारी हुआ। सुनवाई के दौरान अभियोजन यह साबित करने में नाकाम रहा कि गनासन और मादक पदार्थ पहुंचाने वालों के बीच ड्रग लेन-देन होने से पहले कोई बैठक हुई थी।
मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन, और न्यायमूर्ति एंड्रयू फांग तथा न्यायमूर्ति ताई योंग क्वांग की पीठ ने कहा कि मुकदमे में कथित बैठक की तारीख और समय के बारे में सबूतों में विसंगतियां थीं। तीन-न्यायाधीशों की पीठ की ओर से फैसला सुनाने वाले न्यायमूर्ति ताई ने कहा कि बैठक गनासन के खिलाफ आरोप में एक ‘महत्वपूर्ण तत्व’ थी। इस मामले की अनूठी परिस्थितियों का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति ताई ने कहा कि आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुआ क्योंकि यह अनिश्चित था कि क्या बैठक हुई थी। न्यायमूर्ति ताई ने कहा कि इस अपील में निर्णय बैठक पर केंद्रित था और इसका मादक पदार्थ पहुंचाने वालों की दोषसिद्धि और अपील पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जिनके पास से मादक पदार्थ बरामद किए गए थे और वे उन्हें वितरित करने की प्रक्रिया में थे।