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रिपोर्ट में अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया को किया गया अनदेखा /21 Mar 2024 12:29 PM/    30 views

भारत विरोधी सोच रखने वाले चीन, पाकिस्तान और तुर्किये भी शामिल हैं

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार के सिलसिले में यूनाइटिंग फार कंसेंसस (यूएफसी) ग्रुप की संस्तुतियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस ग्रुप में भारत विरोधी सोच रखने वाले चीन, पाकिस्तान और तुर्किये भी शामिल हैं। भारत ने कहा है कि ये संस्तुतियां संयुक्त राष्ट्र के अधिसंख्य सदस्य देशों की भावनाओं के अनुरूप नहीं हैं। अधिसंख्य सदस्य देश सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी चाहते हैं। यूएफसी में इन तीन देशों के अतिरिक्त अर्जेंटीना, कनाडा, कोलंबिया, कोस्टारिका, इटली, माल्टा, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, सैन मारीनो और स्पेन भी हैं। इस ग्रुप में इंडोनेशिया पर्यवेक्षक के रूप में शामिल है। लेकिन चीन सुरक्षा परिषद का अकेला स्थायी सदस्य देश है। यूएफसी ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने का विरोध किया है। ग्रुप ने सुरक्षा परिषद की सदस्यता को बढ़ाकर 26 किए जाने की संस्तुति की है। लेकिन ये सभी अस्थायी सदस्य होंगे। इनमें से नौ सदस्य लंबे समय के लिए चुने जाएंगे।  अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर इस समय गंभीर खतरा है। यह खतरा जटिल, अप्रत्याशित और स्पष्ट न किया जाने वाला है। इसलिए 21 वीं सदी में संयुक्त राष्ट्र 2.0 की जरूरत है। यह संयुक्त राष्ट्र के अधिसंख्य सदस्यों आकांक्षा और यूएफसी की संस्तुतियां अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया की भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं करती हैं। अफ्रीका महाद्वीप के 54 सदस्य देश सुरक्षा परिषद के दोनों (स्थायी और अस्थायी) स्वरूपों में विस्तार चाहते हैं लेकिन यूएफसी में उनकी तरफ से विपरीत भावना की संस्तुति कर दी गई। कंबोज ने सवाल उठाया- क्या अफ्रीकी देश संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में अपनी आवाज मजबूत नहीं करना चाहेंगे ?

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