राहुल शर्मा
पूर्वी दिल्ली: आज के समय में, विद्यार्थियों को केवल अकादमिक विषयों में ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल और व्यावहारिक ज्ञान में भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।
यहाँ कुछ विषय हैं जो विद्यालयों में अनिवार्य होने चाहिए:
कर और कराधान: विद्यार्थियों को करों के बारे में जानने की आवश्यकता है, जैसे कि आयकर, जीएसटी आदि। इससे उन्हें अपने वित्तीय जीवन में साक्षर बनने में मदद मिलेगी।
कोडिंग और प्रोग्रामिंग: आज के डिजिटल युग में, कोडिंग और प्रोग्रामिंग कौशल की मांग बढ़ रही है। विद्यार्थियों को इन कौशलों में प्रशिक्षित करने से उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है।
खाना पकाना और पोषण: विद्यार्थियों को स्वस्थ खाना पकाने और पोषण के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद मिलेगी।
बीमा और वित्तीय साक्षरता: विद्यार्थियों को बीमा और वित्तीय साक्षरता के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपने वित्तीय जीवन में साक्षर बनने में मदद मिलेगी।
आत्म-रक्षा और सुरक्षा: विद्यार्थियों को आत्म-रक्षा और सुरक्षा के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने में मदद मिलेगी।
सामाजिक शिष्टाचार और व्यक्तिगत विकास: विद्यार्थियों को सामाजिक शिष्टाचार और व्यक्तिगत विकास के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफल बनने में मदद मिलेगी।
सार्वजनिक बोलचाल और प्रस्तुति कौशल: विद्यार्थियों को सार्वजनिक बोलचाल और प्रस्तुति कौशल के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपने विचारों और विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।
कार मरम्मत और रखरखाव: विद्यार्थियों को कार मरम्मत और रखरखाव के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपनी कार का ध्यान रखने में मदद मिलेगी।
तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य: विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानने की आवश्यकता है। इससे उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने में मदद मिलेगी।
इन विषयों को विद्यालयों में अनिवार्य बनाने से विद्यार्थियों को जीवन कौशल और व्यावहारिक ज्ञान में प्रशिक्षित करने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफल बनने में मदद मिलेगी।