राहुल शर्मा
नई दिल्ली । भारत की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज अपने पहले बांड इश्यू के लिए मर्चेंट बैंकरों के साथ शुरुआती बातचीत कर रही है। बैंकरों ने कहा कि कंपनी इश्यू के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना सकती है और इस वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में बाजार का लाभ उठा सकती है। उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होकर बनी जियो फाइनेंशियल अपनी क्रेडिट रेटिंग और अन्य जरूरी मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में है। कंपनी जिसे अगस्त में लिस्ट किया गया था, बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए ऑटो, होम लोन और अन्य प्रोडक्ट सहित तेजी से बढ़ते बाजार में खुद को एक फुल-सर्विस वित्तीय सेवा फर्म के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है। एलबीएफसी के तौर पर उधार लेने की लागत आरआईएल की तुलना में 10-20 आधार अंक ज्यादा होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि एनबीएफसी को आरआईएल की तुलना में ज्यादा जोखिम भरा उधारकर्ता माना जाता है, इसलिए उन्हें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ज्यादा ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है।