नई दिल्ली। पूरे साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं, जिसमें से निर्जला एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति यह व्रत करता है, उसे साल की सभी एकादशी जितना व्रत करने का फल प्राप्त होता है। एकादशी तिथि पर तुलसी का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय मानी गई है। ऐसे में आइए जानते हैं एकादशी पर तुलसी के उपाय। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 17 जून को प्रातः 04 बजकर 43 मिनट पर हो रही है। वही, इस तिथि का समापन 18 जून को मध्य सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून, मंगलवार के दिन किया जाएगा। धन की समस्या से मुक्ति के लिए आप निर्जला एकादशी पर तुलसी से जुड़ा ये उपाय कर सकते हैं। इसके लिए एकादशी के दिन एक लाल कपड़े में थोड़े-से अक्षत के साथ तुलसी की जड़ बांधकर इसे अपने मुख्य द्वार पर बांध दें। इसके साथ ही आप मुख्य द्वार पर लक्ष्मी जी के चरण भी लगा सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है, और दरिद्रता दूर होती है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर अपने मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह भी बना सकते हैं। इसे बहुत ही मंगलकारी माना गया है। इसके साथ ही निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा के बाद शाम के समय तुलसी के समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी जरूर करें। इसके बाद तुलसी जी की 11 बार परिक्रमा करें। इससे परिवार में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं। हिदू धर्म में रविवार और एकादशी पर तिथि तुलसी में जल अर्पित करने की मनाही होती है। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां तुलसी भगवान विष्णु के निमित्त व्रत करती हैं। साथ ही इन दिनों पर तुलसी के पत्ते तोड़ने की भी मनाही होती है।