सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शांति भंग करने के इरादे से घ्विगत रविवार को राजौरी जिले में चार लोगों की हत्या एक आतंकी हमला था। रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष खुफिया सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। वहीं जमीनी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस आतंकी घटना के बाद लोकल डिफेंस कमेटी को वापस लाने की मांग उठ रही है। सरकार को स्थानीय स्तर पर आतंकवाद से लड़ने के लिए जम्मू में ग्राम रक्षा समितियों को फिर से स्थापित करने गौर करना चाहिए। राजौरी जिले के अपर डांगरी गांव में संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की जिसमें चार लोग मारे गए जबकि कई घायल हो गए। शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार ‘टेररिस्ट थिएटर जम्मू की ओर बढ़ रहा है क्योंकि अब इस क्षेत्र में अधिक कश्मीरी पंडित हैं जिससे टारगेट को मारना आसान हो जाता है। ये हत्याएं यह दिखाने के इरादे से की जाती हैं कि प्रशासन कितना खराब तरीके से काम कर रहा है। आतंकियों का उद्देश्य सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना भी है। यह जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों के फिर से शुरू होने को भी जाहिर करता है।
रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस बात से इनकार किया है कि यह एक आतंकी हमला था लेकिन खुफिया सूत्रों ने कहा कि फायरिंग और इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ब्लास्ट इस ओर इशारा करते हैं कि हमले को अंजाम देने वाले पेशेवर लोग थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों को आमतौर पर लश्कर के आतंकवादी अंजाम देते हैं। जमीनी खुफिया रिपोर्ट बताती है कि राजौरी गांव में एक आतंकवादी हमले में हिंदू समुदाय के दो बच्चों सहित छह लोगों की हत्या सांप्रदायिक बंटवारे का कारण बन सकती है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को जम्मू में वीडीसी को फिर से स्थापित करने के अपने वादे पर गौर करना चाहिए। वीडीसी का मकसद आतंकवाद से लड़ना हाई-टेक हथियार प्रदान करना और अपने सदस्यों के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना है।