वॉशिंगटन । महामारी कोरोना के कहर को झेल चुकी दुनिया के अधिकांश हिस्सों में इसके वायरस का प्रकोप अब धीमा पड़ चुका है। लेकिन वायरस की तबाही अभी भी देशों को याद है। इस बीच जो खबर आ रही है जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा सकती है। शोधकर्ताओं ने चमगादड़ों में एक नए कोरोना वायरस की खोज की है जो इंसानी आबादी को संकट में डाल सकता है। यह वायरस मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है और कोविड-19 वैक्सीन के सुरक्षा कवच को भेदने में सक्षम है। 2019 में पहली बार सामने आए कोविड-19 के बारे में भी एक थ्योरी दावा करती है कि यह चमगादड़ों से फैला था। हालांकि इसकी वैज्ञानिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में पॉल एलन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में असिस्टेंट प्रोफेसर माइकल लेटको के नेतृत्व में वैज्ञानिकों को कई कोरोना वायरसों का एक ग्रुप मिला है जो सार्स-कोवि-2 के समान है। यह समूह शुरुआत में 2020 में रूस के चमगादड़ों में पाया गया था। तब वैज्ञानिकों ने नहीं सोचा था कि खोस्ता-2 नामक वायरस लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। जब लेटको की टीम ने लैब में अधिक सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया तो उन्होंने पाया कि वायरस मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।
यह वायरस इंसानों के लिए एक संभावित खतरा बन सकता है। रूसी चमगादड़ों में पाया जाने वाला एक संबंधित वायरस खोस्ता-1 मानव कोशिकाओं में आसानी से प्रवेश नहीं सकता लेकिन खोस्ता-2 ऐसा करने में सक्षम है। खोस्ता-2 उसी प्रोटीन, एसीई2 से जुड़ा हुआ है जिसका इस्तेमाल सार्स-कोवि-2 मानव कोशिकाओं में प्रवेश के लिए करता है। खोस्ता-2 मानव कोशिकाओं को आसानी से संक्रमित कर सकता है लेकिन वैज्ञानिकों के लिए चिंता का सबसे बड़ा कारण दूसरा है। लेटको ने जब कोविड-19 वैक्सीन लगवा चुके लोगों के सीरम के साथ खोस्ता-2 को मिलाया तो वैक्सीन की एंटीबॉडीज वायरस पर बेअसर नजर आईं। उन्होंने कहा कि हम किसी को यह कहकर डराना नहीं चाहते कि यह पूरी तरह से वैक्सीन-रोधी वायरस है। लेकिन यह चिंताजनक है कि हमारी प्रकृति में ऐसे वायरस घूम रहे हैं जिनमें मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और वर्तमान वैक्सीन को बेअसर करने के गुण हैं।