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चतुर्थी तिथि का सनातन धर्म में अपना ही महत्व है

कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024?

12 Jul 2024 12:04 PM 121 views

चतुर्थी तिथि का सनातन धर्म में अपना ही महत्व है

 नई दिल्ली। भगवान गणेश की पूजा के लिए चतुर्थी तिथि का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है। इस साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। प्रति माह संकष्टी चतुर्थी का उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा, तो चलिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।

पूजा विधि
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। एक वेदी को सजाएं और उसपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। विधि अनुसार, उनका अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। कुमकुम का तिलक लगाएं। घर पर बनी मिठाई, मोदक, आदि चीजों का भोग लगाएं। दुर्वा घास अवश्य अर्पित करें। बप्पा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। गणपति चालीसा का पाठ करें।
आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। पूजा में तुलसी का उपयोग गलती से भी न करें। तामसिक चीजों से दूर रहें।