गुवाहाटी । इंडियन रेलवे ने रेल पटरियों पर हाथियों के पहुंच को रोकने की कवायद शुरू की है। पटरियों पर हाथियों के पहुंचने से हादसे भी होते रहे हैं। अब इनसे निपटने के लिए पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे जोन की ओर से फुलप्रूफ तैयारी की गई है। इस कदम के उठाए जाने के बाद हाथियों को पटरियों के पास पहुंचने से रोका जा सकेगा और उसका पता लगाने में काफी मदद मिल सकेगी। इसको लेकर पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे ने रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे ट्रेन-हाथी टकराव को रोकने और आपदा शमन उपायों के लिए इंट्रुजन डिटेक्शन सिस्टम का कार्यान्वयन किया जाएगा। समझौता ज्ञापन पर पूर्वाेत्तर सीमांत के मुख्य संचार अभियंता जीआर दास और रेलटेल के कार्यकारी निदेशक/पूर्वी क्षेत्र जाकिर सिद्दीकी ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता और भारतीय रेलटेल कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक संजय कुमार भी उपस्थित थे। पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार मंडल के अधीन डुआर्स क्षेत्र के चालसा-हासिमारा खंड और असम में लामडिंग मंडल के अधीन लंका-हावाईपुर खंड में शुरू की गई आईडीएस पायलट परियोजना की 100 प्रतिशत सफलता के बाद अब यह प्रणाली धीरे-धीरे जोनल रेलवे के अन्य सभी हाथी गलियारों में स्थापित करने का निर्णय लिया गया गया है। यह प्रणाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है और मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर द्वारा इलाकों में वन्यजीवों के आवागमन की जानकारी हासिल कर नियंत्रण कार्यालयों, स्टेशन मास्टरों, गेटमैन और लोको पायलटों को अलर्ट प्रदान करेगा। यह ट्रैक पर हाथियों के सही वक्त पर मौजूदगी की जानकारी प्राप्त करने के लिए डायलिसिस प्रकीर्णन घटना के सिद्धांत पर कार्य करने वाली ध्वनि प्रणाली आधारित फाइबर ऑप्टिक का उपयोग करता है। पूर्वाेत्तर सीमांत रेलवे प्रवक्ता सब्यसाची डे के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर 60 किमी के खंड तक असामान्य गतिविधियों की निगरानी कर सकता है। इसके अलावा आईडीएस रेल फ्रैक्चर का पता लगाने, रेलवे ट्रैक पर अतिक्रमण और रेल पटरियों के पास अनधिकृत खुदाई, पटरियों के पास भूस्खलन आदि के कारण आपदा शमन के संबंध में अलर्ट प्रदान करने में भी मदद करेगा। यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि यह पायलट परियोजना अब तक रेलवे ट्रैक के पास पहुंचने वाले कई हाथियों की जान ट्रेनों की चपेट में आने से बचाने में बेहद सफल रही है।