अगले 14 दिनों तक चांद पर कई तरह का डेटा एकत्रित करेगा प्रज्ञान
विक्रम और प्रज्ञान धरती पर वापस नहीं आएंगें
राहुल शर्मा
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके बाद विक्रम लैंडर के पेट में मौजूद प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकलकर चांद की सतह पर चहलकदमी भी कर ली। अब 14 दिनों तक, जो एक चंद्र दिवस के बराबर है, प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर प्रयोगों की एक श्रृंखला को अंजाम देगा। रोवर प्रज्ञान चांद की सतह से जो भी डेटा एकत्रित करेगा उस वह लैंडर विक्रम को भेजेगा। इसके बाद विक्रम, प्रज्ञान द्वारा एकत्रित डेटा को पृथ्वी पर इसरो के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भेजेगा। लेकिन लोगों के मन में इन 14 दिनों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि 14 दिन बाद क्या होगा?
चंद्रमा पर 14 दिनों के बाद रात होगी। अब वहां अगला सूर्याेदय 14 दिनों बाद होगा। चूंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अत्यधिक ठंड होगी (करीब-334 डिग्री सेल्सियस), विक्रम और प्रज्ञान केवल धूप में ही काम कर सकते हैं, इस कारण वे 14 दिनों के बाद निष्क्रिय हो जाएंगे। यानी चंद्रयान-3 के पास डेटा एकत्रित करने के लिए सिर्फ 14 दिन का समय होगा। लेकिन इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर फिर से सूरज उगने पर विक्रम और प्रज्ञान के जीवन में वापस आने की संभावना से इनकार नहीं किया है। इसके बाद यह भारत के चंद्र मिशन के लिए बोनस होगा।
विक्रम और प्रज्ञान को धरती पर वापस नहीं आना है। वे चंद्रमा पर रहने वाले हैं। इसरो पहले ही चंद्रयान 3 की लैंडिंग साइट की तस्वीर साझा कर चुका है। यह तस्वीर बुधवार शाम 6.04 बजे हुई सटीक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद विक्रम के कैमरे से ली गई थी। चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव पर अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र पर उतरा है। प्रज्ञान चंद्रमा की सतह की रासायनिक संरचना की जांच करेगा, चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों की जांच करेगा। यह ध्रुवीय क्षेत्र के पास चंद्रमा की सतह के आयनों और इलेक्ट्रॉनों के घनत्व और थर्मल गुणों को मापेगा। यह अपनी तरह का पहला मामला होगा, क्योंकि किसी भी अन्य देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाने का साहस नहीं किया है।