रायटर, यरुशलम। संयुक्त राष्ट्र ने गाजा पट्टी की स्थिति को हद से ज्यादा खराब बताते हुए वहां पर तत्काल युद्धविराम की मांग की है। वैश्विक संस्था की स्वास्थ्य, शरणार्थी और मानवाधिकारों से जुड़ी एजेंसियों ने कहा है कि गाजा में एक महीने के दौरान इजरायली हमलों में दस हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा की 23 लाख की आबादी आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरस रही है। ऐसे में वहां पर सैन्य कार्रवाई रोकी जानी जरूरी है। सोमवार को तुर्किये पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से उनके समकक्ष हकान फिदान ने गाजा में युद्धविराम की पुरजोर मांग की। इजरायल की कार्रवाई के लिए समर्थन जुटाने अरब क्षेत्र में आए ब्लिंकन को खाली हाथ लौटना पड़ा है। इजरायल की हमास के खिलाफ कार्रवाई का पुरजोर समर्थन कर रहे अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने हाल के दिनों में पश्चिम एशिया के लगातार दौरे किए हैं। शुक्रवार को इजरायल का दौरा करने के बाद उन्होंने शनिवार को जॉर्डन में कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद वेस्ट बैंक में फलस्तीन प्राधिकार के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इराक जाकर वहां के नेताओं से बात की। सोमवार को तुर्किये जाकर वहां के विदेश मंत्री से मिले। लेकिन सभी अरब देशों ने उनसे युद्धविराम की ही आवश्यकता जताई। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में 120 सदस्य देशों ने गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव पारित किया था। अब संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत कार्य करने वाली एजेंसियों के प्रमुखों ने संयुक्त बयान जारी कर गाजा में युद्धविराम की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस गाजा की स्थिति पर चिंता जताते हुए वहां युद्धविराम की आवश्यकता पहले ही जता चुके हैं।
ताजा बयान में उन्होंने गाजा को बच्चों का कब्रिस्तान बताया है। जबकि इजरायल मानवीय सहायता के वितरण के लिए गाजा में सीमित समय के युद्धविराम के अमेरिका के सुझाव को भी नहीं मान रहा है। इजरायल का कहना है कि गाजा में कार्रवाई को रोकने से हमास को संगठित होने, मुकाबले के लिए रणनीति बनाने और दोबारा हमले के लिए समय मिल जाएगा। इससे हमास के खात्मे तक वह अपनी सैन्य कार्रवाई नहीं रोकेगा। हां, इजरायली शहरों से अगवा कर बंधक बनाए गए करीब 250 लोगों की रिहाई होने की स्थिति में इजरायल ने संघर्षविराम पर विचार करने की बात कही है। पश्चिम एशिया में बढ़ रहे तनाव के बीच अमेरिका ने इजरायल के निकट समुद्र में परमाणु हथियारों से लैस अपनी पनडुब्बी भी तैनात कर दी है। इजरायल के समर्थन में भूमध्य सागर में अमेरिकी नौसेना ने दो विमानवाहक युद्धपोत पहले ही तैनात कर रखे हैं, साथ ही अरब क्षेत्र के अपने सैन्य अड्डों में सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि क्षेत्र में चीन के युद्धपोत तैनात करने के बाद अमेरिका ने पनडुब्बी तैनात करने का कदम उठाया है।