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अब आयुर्वेद कालेज में लड़कियों की संख्या भी बढ़ने लगी है /14 Dec 2023 08:51 PM/    50 views

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में अपार संभावनाएं

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की ओर अब लोगों का रुझान बढ़ने लगा है। कोरोना के बाद से आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ने लग है। इसके साथ ही अब डाक्टर बनने की चाह रखने वाले विद्यार्थी भी एमबीबीएस के साथ ही आयुर्वेद में भी आना पसंद करने लगे हैं। पहले विद्यार्थियों को ऐसा लगता था कि डाक्टर मतलब एमबीबीएस और सिर्फ उसी में अच्छा करियर बन सकता है, लेकिन अब विद्यार्थी आयुर्वेद को समझने लगे हैं। विद्यार्थी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भी अच्छा करियर बना सकते हैं। यही कारण है कि विदेशों से भी विद्यार्थी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की पढ़ाई के लिए हमारे देश में आने लगे हैं। आयुर्वेदिक कालेज में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों को नीट देना अनिवार्य होती है। नीट के अंक के आधार पर ही उन्हें कालेज मिलता है।  अब आयुर्वेद कालेज में लड़कियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। शहरी क्षेत्र के साथ ही गांव से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी आने लगे हैं। वहीं कुछ विद्यार्थी बिना कोचिंग के बिना ही नीट में अच्छे अंक लाकर भी दाखिला लेते हैं। 
विद्यार्थियों को रिसर्च के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत 50 हजार रुपये का स्टाइपंड मिलता है। इस योजना का लाभ शासकीय और निजी कालेज का कोई भी विद्यार्थी ले सकता है। रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है।

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