मुंबई । अभिनेत्री शबाना आजमी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी को लेकर चर्चा में है। फिल्म में शबाना के किरदार को दर्शकों ने खूब पसंद किया। इसके पहले भी वह कई सुपरहिट मूवीज में अपने रोल से लोगों का दिल जीत चुकी हैं। इसी बीच शबाना ने कैमरा फेस करने का अपना पहला अनुभव शेयर किया है। शबाना आजमी ने बताया कि वह मुश्किल से अपने डायलॉग्स बोल पाती थीं, क्योंकि मेकअप आर्टिस्ट ने उनके चेहरे पर बहुत सारा मेकअप लगा दिया था। इसके बाद शबाना को 100 प्रतिशत यकीन था वहां लोग उन्हें बाहर निकाल देंगे क्योंकि उनका पहला स्क्रीन टेस्ट डिजास्टर था। शबाना ने बताया, जब मैंने पहली बार स्क्रीन टेस्ट दिया, तब बहुत ही बुरा था क्योंकि उन्होंने मुझ पर इतना मेकअप लगा दिया था कि मैं अपना मुंह भी नहीं खोल पा रही थी। बहुत सारा मेकअप था। मैं इतनी भयानक लग रही थी कि मैंने कहा कि 100 प्रतिशत वहां मुझे बाहर निकाल देंगे क्योंकि मैं उनके काम नहीं आने वाली। लेकिन, मुझे एहसास हुआ कि ऐसा इसलिए था क्योंकि मेरे चेहरे पर बहुत सारा पैनकेक (मेकअप) था और ऐसा नहीं होना चाहिए था। शबाना ने माना कि जब उन्होंने मुख्य कैमरे को फेस किया, तब उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में श्याम की आभारी हूं कि हमने बिल्कुल भी मेकअप नहीं किया था, बिल्कुल भी बेस नहीं था, आप वास्तविक जीवन में बिल्कुल वैसे ही दिखते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने इस आसान बनाया। जब मैं मेनस्ट्रीम सिनेमा कर रही थी, तब मुझे कैमरा फेस करने में मुश्किल होती थी। एक समय था जब मेरी इच्छा थी कि मैं सुलक्षणा पंडित की तरह दिखूं और मेरे फेस पर ये मेकअप और विग न हो। मैंने उस तरह दिखने के लिए बहुत मेहनत की। मगर जितना उस सांचे में फिट होने की कोशिश की, मैं उतनी ही खराब दिखने लगी। बता दें, शबाना आजमी ने साल 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर से डेब्यू किया था। इसमें उनकी परफॉर्मेंस काफी पसंद किया गया था और इसके लिए उन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।