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जल्द भाजपा का हाथ थामेंगे अशोक चव्हाण /13 Feb 2024 01:57 PM/    49 views

कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए अशोक चव्हाण?

सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को महाराष्ट्र में फिर एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी के बड़े चेहरे मिलिंद देवड़ा और बाबा सिद्दीकी के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पार्टी से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उन्होंने इस बात की घोषणा कर दी है कि वह जल्द ही भाजपा का हाथ थामने वाले हैं। चव्हाण के इस फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे, इसलिए उन्होंने ऐसा फैसला लिया है। अशोक चव्हाण मूलत औरंगाबाद जिले की पैठण तहसील के रहने वाले हैं। इनका जन्म 28 अक्टूबर, 1958 में हुआ था। अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के बेटे हैं। अशोक चव्हाण ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स हाई स्कूल से पूरी की है। उन्होंने साइंस में ग्रेजुएशन और बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की है।अशोक चव्हाण की पत्नी अमिता भोकर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। अशोक चव्हाण की दो जुड़वां बेटियां श्रीजया और सुजया हैं।
अशोक चव्हाण का राजनीतिक सफर
अशोक चव्हाण को राजनीतिक विरासत उनके पिता शंकरराव चव्हाण से मिली थी।
अशोक चव्हाण ने 1986 में कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव नियुक्त होने के बाद अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी। अशोक चव्हाण ने 1987-89 में नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र से टिकट लड़ा और सांसद बनें। अशोक चव्हाण ने 1992 में महाराष्ट्र विधानमंडल में अपनी शुरुआत की थी।
अशोक चव्हाण 1992 में एमएलसी चुने गये और महाराष्ट्र विधान परिषद में पहुंचे।
मार्च, 1993 में वह लोक निर्माण, शहरी विकास और गृह राज्य मंत्री के रूप में शामिल हुए थे।
अशोक चव्हाण 1999 में मुदखेड़ निर्वाचन क्षेत्र से जीते और महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे।
2003 में अशोक चव्हाण को परिवहन, बंदरगाह, सांस्कृतिक मामले और प्रोटोकॉल मंत्री नियुक्त किया गया था।
नवंबर 2004 में अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र कैबिनेट में उद्योग, खनन, सांस्कृतिक मामले और प्रोटोकॉल विभाग दिया गया।
अशोक चव्हाण 8 दिसंबर, 2008 से 9 नवंबर, 2010 तक महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
आदर्श हाउसिंग घोटाले में उनका नाम आने के बाद 2010 में उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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