सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । कोरोना संकट खत्म होने के साथ ही वर्क फ्रॉम होम की प्रथा भी खत्म होती जा रही है लेकिन इस वर्क फ्रॉम होम के साथ शुरू हुई ‘मूनलाइटिंग’ की आदत ने आईटी कंपनियों को परेशान कर दिया है। ‘मूनलाइटिंग’ यानी एक साथ दो जगह काम करने को लेकर कंपनियों के एचआर विभाग काफी एक्टिव भी हैं। इस बीच देश की अग्रणी आईटी कंपनी ने बताया कि उसने एक साल के भीतर ‘मूनलाइटिंग’ में लिप्त कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।
इन्फोसिस ने साफ किया कि कंपनी ‘मूनलाइटिंग’ यानी एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसने पिछले 12 महीने में ऐसा करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला भी है। जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है।
कितने कर्मचारियों को निकाला गया?
इन्फोसिस ने ‘मूनलाइटिंग’ के कारण नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की संख्या की जानकारी नहीं दी। इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने बृहस्पतिवार को कंपनी के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा के दौरान कहा कि कंपनी एक साथ दो नौकरी करने का समर्थन नहीं करती है। पारेख ने कहा, ‘‘हम नौकरी के साथ दूसरा काम करने का समर्थन नहीं करते हैं। पूर्व में जो कर्मचारी दो काम करते पाए गए और जहां गोपनीयता का मुद्दा था, हमने वहां कार्रवाई की।’’