सुनील शर्मा
नई दिल्ली । पेशेवर कबड्डी लीग (पीकेएल) के दसवे संस्करण के लिए नीलामी 8 और 9 सितंबर को मुंबई में होगी। इसके लिए खिलाड़ियों में जबरदस्त उत्साह है। इसके दसवें सत्र के कार्य्रक्रम की घोषणा अभी होनी है। खिलाड़ियों के अनुसार ये लीग शुरु होने से उनकी जिंदगी बदल गयी है। इससे उन्हें नाम के साथ ही पैसा भी मिला है। लीग में खेलने से अब लोग कबड्डी खिलाड़ियों को भी जानने लगे हैं। पो लीग में खेलकर नाम कमाने वाले सीज़न 2 के एमवीपी विजेता मंजीत छिल्लर, ने कहा कि इस लीग से खिलाड़ियों की जिंदगी में बदलाव आया है जिसके बारे में वे पहले सोच भी नहीं सकते हैं। इस खिलाड़ी ने लीग की शुरुआत से ही इसमें खेला है।
मंजीत ने कहा, । मैं पहले सत्र से ही प्रो कबड्डी लीग का हिस्सा रहा हूं। मैंने यह भी सपना देखा था कि मुझे 10वें सत्र में भाग लेने का मौका मिलेगा पर बदकिस्मती से आठवें सीज़न के बाद मुझे संन्यास लेना पड़ा। यह लीग में भाग लेने वाले सभी कबड्डी खिलाड़ियों के लिए भावनात्मक क्षण था। पीकेएल के दूसरे सीज़न में 67 रेड पॉइंट और 40 टैकल पॉइंट हासिल करने वाले इसे खिलाड़ी ने कहा, मुझे लगता है कि प्रो कबड्डी में मेरा सबसे अच्छा पल आठवें सीज़न में दबंग दिल्ली के.सी. के साथ लीग जीतना था। उस समय तक, मेरे पास प्रो कबड्डी लीग खिताब को छोड़कर सभी प्रकार के पदक थे। यह लंबे समय से मेरा लक्ष्य था ।
इस खिलाड़ी ने कहा, मैंने हमेशा नाम कमाने के लिए कबड्डी खेली है, और जब पहला सत्र शुरू होने वाला था, तो मैं बस इसका हिस्सा बनना चाहता था। नीलामी तब हुई जब हम बेंगलुरु में भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा थे और पूरी टीम एक साथ बैठी थी। जब मुझे बेंगलुरु बुल्स ने चुना, तो मैं वास्तव में खुश था क्योंकि मैं खेलने जा रहा था रणधीर सर के मार्गदर्शन में। पूर्व प्रो कबड्डी लीग स्टार ने यह भी कहा कि पीकेएल ने खेल के प्रति खिलाड़ियों के रवैये को पूरी तरह से बदल दिया है।
छिल्लर ने कहा, प्रो कबड्डी लीग होने से पहले, हमें केवल हमारे दोस्त और परिवार के सदस्य ही जानते थे पर साल 2014 में पहले सत्र के बाद, जब हम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर वापस आए, हजारों लोग हवाई अड्डे पर हमारे स्वागत में खड़े थे। यह सब लीग के कारण ही हुआ।