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अगले साल पेरिस ओलंपिक खेलों से पहले मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा-अक्षदीप /06 Mar 2023 12:02 PM/    938 views

अक्षदीप एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की तैयारी कर रहे

 चंडीगढ़ । पैदलचाल में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने के साथ ही 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले अक्षदीप सिंह अभी चीन में होने वाले एशियाई खेलों और हंगरी में विश्व चैंपियनशिप की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इन खेलों में पदक जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा और इससे अगले साल पेरिस ओलंपिक खेलों से पहले मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। पंजाब सरकार ने पिछले महीने ही अक्षदीप को 2024 ओलंपिक खेलों की तैयारी के लिए पांच लाख रुपये दिए थे। इस एथलीट ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए ही खेलों का चयन किया था। इस एथलीट ने पिछले महीने झारखंड के रांची में आयोजित 10वीं राष्ट्रीय ओपन रेस पैदल चाल चैंपियनशिप के 20 किमी स्पर्धा में 23 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। अक्षदीप ने इस स्पर्धा में एक घंटा 19 मिनट और 55 सेकंड के समय के साथ राष्ट्रीय बनाया था। उन्होंने हरियाणा के संदीप कुमार (एक घंटा 20 मिनट और 16 सेकंड) का रिकॉर्ड तोड़ा था। उन्होंने कहा, ‘जब मैं 15 साल का था, तब मैंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी थी। उस समय मैं तेज दौड़ता था और सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे लोगों ने मेरी तारीफ करते हुए कहा था कि मुझे एथलेटिक्स में उतरना चाहिये। अक्षदीप के कोच ने इसके बाद उन्हें पैदल चाल का विकल्प अपनाने को कहा। 
अक्षदीप ने तरनतारन में आयोजित अंडर-18 उत्तर भारत चैंपियनशिप में अपना पहला कांस्य पदक जीता। इसके बाद उन्होंने अंडर-18 जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया और रजत पदक जीता। उन्होंने अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों  2017 में फिर से रजत पदक जीता। उन्होंने प्रशिक्षण शुरू करने के एक वर्ष के अंदर अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपने को साबित किया हालांकि इसके बाद 2019 में घुटने में चोट के कारण वह विश्व विश्वविद्यालय खेलों (इटली) में भाग नहीं ले सके। फरवरी 2020 में उन्होंने खेल में वापसी की लेकिन राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में 12वें स्थान पर रहे। इस दौरान कोविड-19 महामारी के दौर ने उनके लिए चीजों को जटिल बना दिया। अक्षदीप ने कहा, ‘मेरी अंतरात्मा की आवाज मुझे फिर से मेरे खेल में अपना भविष्य बनाने के लिए प्रेरित किया और 2021 में मैं प्रशिक्षण के लिए बेंगलुरु गया। । 
 

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