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बीजेपी में कांग्रेस विधायकों के बड़े गुट के शामिल होने की अटकलें ? /04 Dec 2023 01:05 PM/    39 views

महाराष्ट्र में हो सकता है सियासी भूचाल

सोनिया शर्मा
मुंबई। तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रचंड जीत का महाराष्ट्र की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है. इससे महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों दलों में बेचौनी बढ़ गई है. खासकर महाराष्ट्र में एनसीपी में फूट, शिवसेना में फूट की अगली कड़ी के रूप में सामने आई। लेकिन कांग्रेस पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने माना है कि अगर आने वाले दिनों में कांग्रेस के विधायकों का एक बड़ा समूह बीजेपी में चला जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जीतेगी और हम राजस्थान में कड़ा संघर्ष कर रहे हैं. अधिकांश कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता और उनके समर्थक इस बात पर विश्वास करते थे। भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस नेता और उनके समर्थक कहने लगे कि राहुल गांधी जमीनी हकीकत को अच्छी तरह समझने लगे हैं. लेकिन चार राज्यों नतीजों ने साबित कर दिया कि स्थिति वास्तव में विपरीत है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की विफलता  को देखते हुए हर स्तर से यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर कांग्रेसियों के इस आत्मविश्वास की वजह क्या है. जून 2022 में हुए विधान परिषद चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस के सात से आठ वोट बंट गए थे. बेशक, जब से एकनाथ शिंदे ने राज्य में शिवसेना को ख़त्म किया और सरकार गिराई, तब से किसी ने इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस ने इसकी जांच के लिए मोहन प्रकाश कमेटी नियुक्त की थी. उनकी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी गयी. लेकिन नेतृत्व ने उन घर तोड़ने वाले विधायकों पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाई. अब तीन राज्यों में मिली जोरदार जीत के बाद कांग्रेस की ओर से उन विधायकों समेत कुछ अन्य बड़े नेताओं पर भी बीजेपी की गाज गिरने की आशंका जताई जा रही है. उधर, इन नतीजों से एनसीपी में अजित पवार गुट को भी काफी ताकत मिली है. उनके नेताओं का कहना है कि इससे साबित होता है कि अजित पवार ने जो फैसला लिया वह कितना सही था. अजित पवार के समर्थकों का यह भी कहना है कि इस वजह से शरद पवार के साथ बचे कुछ विधायकों में भी काफी हलचल शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक शरद पवार के प्रति वफादारी दिखाने वाले कई विधायकों और सांसदों ने पहले ही हलफनामे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं कि वे अजीत पवार का समर्थन करते हैं। इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि पवार के पास बचे हुए विधायक भी कहीं उनका साथ ना छोड़ दें. वहीं दूसरी ओर शिवसेना के उद्धव बाला साहेब ठाकरे साहस और उम्मीद के साथ बीजेपी के खिलाफ युद्ध के मैदान में उतरे हैं, इससे उनके मन में डर भी बढ़ेगा. दरअसल शिवसेना (ठाकरे गुट) के कई नगरसेवक शिंदे के पक्ष में चले गये हैं. अब जाने की स्पीड बढ़ जाएगी. वहीं, इन नतीजों से राज्य में इंडिया अलायंस और महाविकास अलायंस दोनों में कांग्रेस की सौदेबाजी की ताकत काफी हद तक कम हो गई है. भले ही पिछले चुनाव में कांग्रेस ने लोकसभा में केवल एक सीट जीती थी, लेकिन शिवसेना में विभाजन के बाद स्थिति बदल गई है और कांग्रेस नेतृत्व विदर्भ और मराठवाड़ा में अधिकतम लोकसभा सीटें मांगने के संकेत दे रहा है। अब इसकी संभावना खत्म हो गई है कि शिवसेना (ठाकरे गुट) अपनी बेतुकी मांगें मानेगी। दूसरी ओर, महागठबंधन में बीजेपी की ताकत पहले से ज्यादा बढ़ने वाली है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच कितनी लोकसभा सीटें आएंगी, इसे लेकर अब नए समीकरण सामने आएंगे. तीन राज्यों में भाजपा को मिली प्रचंड जीत से राज्य में बीजेपी की सहयोगी पार्टियों को भी यह संकेत दे दिया है कि बीजेपी जो देगी उसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
 
- महाराष्ट्र में कांग्रेस फिर निचले पायदान पर
राज्य में चल रहे मराठा आंदोलन के मद्देनजर कांग्रेस नेता चुप्पी साधे बैठे हैं. इसके अलावा कहा जा रहा है कि तीन राज्यों में भारी हार के कारण पश्चिमी महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी लोकसभा में कांग्रेस से बड़ी संख्या में सीटें छीन लेगी. एक पूर्व मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की कि पूरी कांग्रेस पार्टी को लोकसभा के सामने साँप सीढ़ी में मौजूद नब्बे क्रमांक के साँप ने निगल लिया है।

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