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देश के पर्यावरण हवा में ऑक्सीजन की मात्रा को नापने की सुविधा शुरू कराने के लिए जंतर मंतर पर किया गया उपवास /13 Feb 2023 03:40 PM/    706 views

पर्यावरण में ऑक्सीजन की जानकारी नहीं होना बेहद चिंता का विषय- हरपाल सिंह राणा

सोनिया शर्मा 
नई दिल्ली। प्राणी मात्र के लिए ऑक्सीजन सबसे अधिक आवश्यक होती है 4 मिनट से अधिक ऑक्सीजन ना मिलने पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है जबकि खाना पानी ना मिलने पर व्यक्ति कुछ दिन तक जीवित रह सकत हैं। लेकिन दिल्ली सहित समस्त देश में पर्यावरण में ऑक्सीजन नापने की कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है पर्यावरण प्रेमी चौधरी हरपाल सिंह राणा ने भारत सरकार और राज्य सरकारों को भेजे गए पत्र और लगाए गए सूचना आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी गई है, जो  बहुत ही आश्चर्यचकित है। राणा कहते हैं कि सरकार सैकड़ों प्रकार की जांच और सर्वे कराती है लेकिन स्वतंत्रता के 75 वर्ष के बाद और तीन वर्ष की करोना अवधि में ऑक्सीजन की अत्यधिक कमी होने और उसके संयंत्र लगाने पर सरकार के द्वारा दिए गए विशेष ध्यान के बावजूद ऑक्सीजन की उपलब्धता का जो  सोत्र है उसके विषय में जानकारी प्राप्त ना करना बेहद लापरवाही का कार्य है क्योंकि इंसान के लिए उपयोग में आने वाली ऑक्सीजन सिर्फ हवा से ही प्राप्त होती है सरकार के द्वारा लगाए गए ऑक्सीजन संयंत्र भी हवा से ऑक्सीजन निकालते हैं। इसलिए हवा में ऑक्सीजन की  मात्रा कितनी है इसकी जांच करना बेहद जरूरी है जिसकी अनदेखी की गई और राणा के द्वारा लगभग 2 साल से किए जा रहे पत्राचार के बावजूद अभी तक भी घोर लापरवाही की जा रही है क्योंकि ऑक्सीजन की हवा में कमी होने पर देश के 140 करोड व्यक्तियों को ही नहीं प्राणी मात्र  के जीवन को खतरा उत्पन्न हो सकता है जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। देश में जी20 सम्मेलन हो रहा है जिसमें पर्यावरण विशेष मुद्दा है, देश के प्रधानमंत्री इस पर विशेष प्रयास कर रहे हैं उसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही चिंता का विषय है। जी 20 सम्मेलन में अनेकों देशों के शासन अध्यक्ष आदि हजारों महत्वपूर्ण व्यक्ति आएंगे सभी शासन अध्यक्ष के अपने प्रोटोकॉल शिष्टाचार होते हैं, उस देश के अधिकारी सुरक्षा, पर्यावरण, प्रदूषण आदि अनेकों विश्व पर स्वयं जांच करते हैं देखरेख करते हैं।
यह भी संभव है की किसी विकसित देश के पर्यावरण अधिकारियों के द्वारा दिल्ली के पर्यावरण में ऑक्सीजन की मात्रा की स्वयं अपने यंत्रों से जानकारी ले ली गई और सरकार के पास इसकी जांच करने ,नापने के यंत्र ही उपलब्ध नहीं हुए तो इससे देश के विकास की क्या छवि सामने आएगी यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है । 
इससे कितनी शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी इसका एहसास संबंधित अधिकारियों को नहीं है। किसी भी समस्या का समाधान उसी वक्त सही प्रकार से हो सकता है जब उस समस्या की जानकारी तथ्यों सहित उपलब्ध हो। इसलिए हम भारत सरकार और राज्य सरकारों से आग्रह करते हैं कि जिस प्रकार से प्रदूषण नापने के यंत्र लगाए गए और खतरनाक स्थिति सामने आने पर उसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है इसी प्रकार से ऑक्सीजन नापने के यंत्र भी लगाए जाएं और जैसी स्थिति परिस्थिति सामने आए उसके अनुसार उस पर आगे कार्रवाई की जाए। अगर सरकार ने 100 दिन में संयंत्र लगाने की कार्रवाई आरंभ नहीं की तो आने वाले पर्यावरण दिवस से पहले हम जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन उपवास आरंभ करेंगे इसके लिए डब्ल्यूएचओ और यूएनओ तक में भी जाया जा सकता है आज सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए।जंतर मंतर पर शुक्रवार 10 फरवरी 2023 को उपवास किया गया मातृशक्ति में श्रीमती सीमा राणा, संगीता प्रजापति, रामहेर राणा, अजय साह, सुशील खन्ना, प्रवीण काशी जितेंद्र तिवारी अर्जुन सिंह आदि अनेकों पर्यावरणविद ने उपस्थित होकर अपने विचार व्यक्त किए।
 

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