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पिछली 5 बैठक से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था /08 Feb 2024 12:01 PM/    43 views

आरबीआई एमपीसी बैठक

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक  हर दो महीनें के बाद तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक करते हैं। पिछली बैठक दिसंबर में हुई थी। बता दें कि इस बैठक में रेपो रेट के साथ कई अहम फैसले लिये जाते हैं। 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट  पेश किया था। अंतरिम बजट के बाद आरबीआई ने तीन दिवसीय बैठक शुरू की थी। यह बैठक 6 फरवरी 2024 को शुरू हुई थी। आज 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास इस बैठक में लिये गए फैसलों का एलान करेगी। पिछली 5 बैठक से रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था। उम्मीद की जा रही है कि आज भी रेपो रट को स्थिर रखने का फैसला लिया जाएगा। बता दें कि महंगाई दर को नियंत्रण करने के उद्देश्य से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया जाता है। आरबीआई की एमपीसी बैठक में आर्थिक आंकड़ों, महंगाई दर आदि पर फोकस रखा जाता है।
देश में महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई द्वारा हर दो महीने में एमपीसी बैठक होती है। इस बैठक में सबसे मुख्य फैसला रेपो रेट होता है। बता दें कि रेपो रेट एक तरह का ब्याज दर होता है। रेपो रेट के ब्याज दर पर ही आरबीआई देश के बाकी बैंक को कर्ज देती है।
ऐसे में रेपो रेट में बदलाव का असर आम जनता पर पड़ता है। दरअसल, जब भी आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बदलाव किया जाता है तो बैंक उसके आधार पर लोन में बदलाव करती है। जब भी देश में महंगाई दर में वृद्धि होती है तब केंद्रीय बैंक रेपो रेट को बढ़ा देता है। रेपो रेट को बढ़ने से इकोनॉमी में मनी फ्लो कम हो जाता है। ऐसे में जब मनी फ्लो कम होगा तो डिमांड कम हो जाएगी। इसके विपरीत जब इकोनॉमी में डिमांड बढ़ती है तब रेपो रेट को कम कर दिया जाता है। इससे मनी फ्लो बढ़ जाता है।

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