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पेंशन रेगुलेटर के साथ 3 विकल्पों पर शुरू किया मंथन /07 Feb 2023 02:07 PM/    1512 views

पुरानी पेंशन योजना की मांग पर केंद्र सतर्क

सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । सरकारी कर्मचारियों में ओल्ड पेंशन स्कीम की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। पुरानी पेंशन स्कीम अब चुनावी मुद्दा बन गई है। कई राज्यों में असेंबली चुनाव इस साल होने वाले हैं, जबकि अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं। इससे पहले सरकार इस मुद्दे के संतुलित समाधान पर पहुंचना चाहती है। केंद्र सरकार और पेंशन रेगुलेटर के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों के बीच तीन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। एक उपाय यह है कि ओल्ड पेंशन की तरह लास्ट सेलरी की आधी रकम तक पेंशन तो मिले, लेकिन उसके लिए कर्मचारी से योगदान लिया जाए। इस तरह की स्कीम आंध्र प्रदेश में चलाई जा रही है। 
सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) के बीच इस मुद्दे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसे दिलचस्प तरीका माना जा रहा है, लेकिन अमल में लाने से पहले कई पेचीदगियों को दूर करना होगा। दूसरा उपाय यह है कि मौजूदा एनपीएस में ही न्यूनतम पेंशन तय कर दी जाए। एनपीएस के प्रति शिकायत यह है कि इसमें कर्मचारी का योगदान तय है, लेकिन रिटर्न तय नहीं है। इस पर काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन बोर्ड की मंजूरी बाकी है। हालांकि संकेत मिल रहे हैं कि इसमें न्यूनतम रिटर्न 4 से 5 फीसदी हो सकता है, जिसे बेहद कम समझा जाएगा। गारंटी के कारण लागत बढ़ जाएगी। वैसे बाजार ने बेहतर रिटर्न दिया तो न्यूनतम रिटर्न से 2-3 फीसदी ज्यादा तक पेंशन मिल सकती है। इसके अलावा मौजूदा एनपीएस में मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम कर्मचारी के हाथ में चली जाती है। अगर यह पैसा भी पेंशन में लग जाए तो पेंशन की रकम बढ़ जाएगी।
तीसरा उपाय यह है कि अटल पेंशन योजना की तरह सबको न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाए। पीएफआरडीए फिलहाल यह योजना चला रही है, जिसमें योगदान के आधार पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपए तक की पेंशन तय है। पीएफआरडीए अटल पेंशन योजना का दायरा सभी के लिए बढ़ाने और 5000 रुपए की लिमिट खत्म करने के लिए तैयार हो सकती है, बशर्ते गारंटी में किसी वित्तीय कमी की स्थिति में सरकार मदद का जिम्मा ले। 
अटल पेंशन योजना के पीछे सरकार का हाथ है। तीनों उपायों पर विचार करने का जिम्मा पीएफआरडीए के पास ही है, लेकिन मुश्किल यह है कि फिलहाल इसके नए चेयरमैन की नियुक्ति का इंतजार है। पिछले चेयरमैन का कार्यकाल हाल ही में पूरा हो गया। नए चेयरमैन की नियुक्ति के बाद इस पर काम तेजी से  सकता है।

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