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एफडीआई इनफ्लो में आई 13 फीसदी की गिरावट /29 Feb 2024 02:29 PM/    33 views

ऑटो, फार्मा सेक्टर में दिखी कमी तो बिजली सेक्टर में आई तेजी

सुनील शर्मा
नई दिल्ली। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह के आंकड़े जारी हो गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2023 में एफडीआई इनफ्लो 13 प्रतिशत घटकर 32.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, ऑटो और फार्मा सेक्टर में निवेश में आई कमी की वजह से एफडीआई इनफ्लो में कमी आई है। निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों, विकास और बिजली सेक्टर में एफडी में तेजी देखी गई है।
पिछले वित्त वर्ष यानी अप्रैल-दिसंबर 2022 के एफडीआई प्रवाह 36.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। हालाँकि, चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान प्रवाह 18 प्रतिशत बढ़कर 11.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2022-23 की समान तिमाही के दौरान यह 9.83 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) ने दिखाया कि कुल एफडीआई अप्रैल-दिसंबर 2022 में 55.27 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले समीक्षाधीन अवधि के दौरान लगभग 7 प्रतिशत घटकर 51.5 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई। यह संवर्धन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है। इसमें इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्य पूंजी भी शामिल है।

इन देशों में एफडी इनफ्लो में आई कमी
इस वित्तीय वर्ष की नौ महीने की अवधि के दौरान, सिंगापुर, अमेरिका, यूके, साइप्रस और यूएई सहित प्रमुख देशों से एफडीआई इक्विटी प्रवाह में कमी आई है। अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान केमैन आइलैंड्स और साइप्रस से निवेश क्रमशः 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 796 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया। वहीं, एक साल पहले की अवधि यह 624 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 1.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर में दर्ज किए गए। हालाँकि, मॉरीशस, नीदरलैंड, जापान और जर्मनी में एफडी आउटफ्लो में बढ़त देखने को मिली है। महाराष्ट्र में इस अवधि के दौरान सबसे अधिक 12.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इनफ्लो देखने को मिला। यह एक साल पहले इसी अवधि में यह 10.76 अरब डॉलर था। वहीं, कर्नाटक में विदेशी पूंजी प्रवाह अप्रैल-दिसंबर 2023 में घटकर 3.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में 8.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एफडीआई में गिरावट आई। इसमें दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं। हालाँकि, गुजरात, तेलंगाना और झारखंड में प्रवाह में तेजी आई है।
भारत में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

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