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कई लोग ग्लूकोमा और मोतियाबिंद को एक ही समझ लेते हैं /12 Mar 2024 04:29 PM/    32 views

हर साल वर्ल्ड ग्लूकोमा डे मनाया जाता है

नई दिल्ली। आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम और संवेदनशील अंग है, जो हमें देखने में मदद करती हैं। इनके बिना अपने जीवन की कल्पना करना तक मुश्किल है। यही वजह है कि विशेषज्ञ आंखों का खास ख्याल रखने की सलाह देते हैं। हालांकि, कई वजहों से आंखों से जुड़ी समस्याएं हमें अपना शिकार बना लेती हैं। ग्लूकोमा इन्हीं समस्याओं में से एक है,जो हमारी ऑप्टिक नर्व को डैमेज कर देती है। इसकी वजह से अंधापन और विजन लॉस हो सकता है। ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल वर्ल्ड ग्लूकोमा डे मनाया जाता है। यह दिन हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है। विजन लॉस को रोकने के लिए ग्लूकोमा का जल्द पता लगाने के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है। इसी मकसद से हर साल वर्ल्ड ग्लूकोमा डे ज्यादा लोगों को बीमारियों के बारे में जागरूक करने और इसके खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। इसे काला मोतियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है। यही वजह है कि अक्सर लोग मोतियाबिंद और काला मोतियाबिंद यानी ग्लूकोमा के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे इन दोनों के अंतर के बारे में-
ग्लूकोमा आपकी आंख के अंदर बहुत ज्यादा तरल पदार्थ के दबाव के कारण होता है। दरअसल, हमारी आंखें एक तरल पदार्थ से भरी होती है। हमारा शरीर रोजाना इस तरल को रिफ्रेश करता है और पुराना तरल आंखों में मौजूद एक जालीदार परत और एक छोटे से छेद से बाहर निकलता है। नया तरल पदार्थ पुराने तरल पदार्थ की जगह ले लेता है। हालांकि, जब किसी वजह से आंखों से निकलने वाला यह तरल पदार्थ बाहर नहीं निकल पाता, तो आपकी आंख के अंदर दबाव बन सकता है। अगर यह दबाव कम नहीं होता है, तो ऑप्टिक नर्व के फाइबर्स स्थायी रूप से डैमेज हो सकते हैं, जिससे विजन लॉस हो सकता है।
ग्लूकोमा के लक्षण
बात करें लक्षणों की, तो शुरुआत में ग्लूकोमा के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, खासकर जब यह धीरे-धीरे बढ़ता है। इसके मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

    सिरदर्द
    लाल आंखें
    ब्लर विजन
    तेज रोशनी में दिक्कत होना
    मतली और उल्टी
    आंखों में दर्द या दबाव


मोतियाबिंद क्या हैं?
आपकी आंख के अंदर, एक क्लियर लेंस रोशनी को प्रवेश करने की अनुमति देता है, जिसकी मदद से हम चीजों को देख पाते हैं। हालांकि, समय के साथ, आपकी आंख के अंदर का प्रोटीन टूट जाता है। वे एक साथ चिपक सकते हैं, जिससे सफेद, पीले या भूरे रंग के गुच्छे बन सकते हैं, जो आपकी विजन को ब्लर, ब्लॉक या खराब कर सकते हैं। इन गुच्छों को ही मोतियाबिंद कहा जाता है।

मोतियाबिंद दुनिया में विजन लॉस का सबसे आम कारण है, जिसका खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ने लगता है। इसके लक्षणों में निम्न शामिल हैं-


    ब्लर विजन
    डबल विजन
    खराब नाइट विजन
    चश्मे के नंबर का बढ़ना
    प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
    हल्के या फीके रंग नजर आना


 

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