एग्जाम उत्तीर्ण होने के बाद ड्रोन पायलट बनने का मिलेगा लाइसेंस
नई दिल्ली। दुनियाभर में तेजी से तकनीकी विकास हो रहा है। इस तकनीकी क्षेत्र में ड्रोन इंडस्ट्री ने तेजी से विकास किया है और यह आने वाले सालों में भी तेजी से बढ़ने का अनुमान है। पहले के समय में ड्रोन का उपयोग बेहद ही सीमित था लेकिन अब ड्रोन का उपयोग मेडिकल क्षेत्र, कृषि क्षेत्र, सिनेमा इंडस्ट्री के अलावा शादियों में खूब देखने को मिलता है। ड्रोन के माध्यम से एक ही जगह पर बैठकर कम समय में ज्यादा काम और ज्यादा क्षेत्र को कवर किया जा सकता है लेकिन इस काम को अंजाम देता है एक ड्रोन पायलट। ड्रोन पायलट रिमोट के माध्यम से ड्रोन को उड़ाता है।
अगर आपके मन में भी ड्रोन पायलट बनने का सपना है और तो इसकी शुरुआत आप 10वीं/ 12वीं के बाद ही कर सकते हैं। ड्रोन पायलट बनने के लिए सरकार भी ट्रेनिंग प्रदान करती है।
डीजीसीए द्वारा लेनी होगी ट्रेनिंग
ड्रोन पायलट बनने के लिए आपको नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग के लिए आपको संस्थान द्वारा निर्धारित फीस जमा करके दाखिला लेना होगा। इसके बाद आपको ड्रोन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के बाद अभ्यर्थी को मेडिकल एग्जामिनेशन में शामिल होना होता है। इन चरणों में सफल उम्मीदवारों को डीजीसीए की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। ड्रोन पायलट या ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप सरकारी वेबसाइट क्पहपजंस ैल पर भी विजिट कर सकते हैं। ट्रेनिंग मिलने के बाद उम्मीदवार इस क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।